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पत्रकारों को अभिव्यक्ति की आजादी की अनुमति मिलनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network
8 Jan 2018 2:33 PM GMT
पत्रकारों  को अभिव्यक्ति की आजादी की अनुमति मिलनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि पत्रकारों  को अभिव्यक्ति की आजादी की अनुमति दी जानी चाहिए। हो सकता है कि रिपोर्टिंग में कुछ गलती रही हो लेकिन इसे हमेशा के लिए पकडकर नहीं रखा जा सकता।

इसके साथ ही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने बिहार की पूर्व विधायक की बेटी की याचिका खारिज कर दी जिसमें एक हिंदी चैनल के खिलाफ आपराधिक मानहानि के ट्रायल को फिर से शुरू करने की गुहार लगाई गई थी।

दरअसल बिहार की पूर्व विधायक की बेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें हिंदी चैनल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रहे आपराधिक मानहानि के मामले को रद्द कर दिया था। दरअसल पटना हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में एक हिंदी चैनल के खिलाफ मानहानि के मामले को रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि चैनल ने अवैध तरीके से भूमि आवंटन की खबर दिखाई थी जो कि गलत था और इसलिए चैनल पर आपराधिक मानहानि का मामला फिर से चलना चाहिए। ये मामला 2007 का है और ट्रायल कोर्ट ने चैनल को नोटिस जारी किए थे।

सुनवाई के दौरान  चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि लेकिन CJI ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की इजादत दी जानी चाहिए। हो सकता है कि रिपोर्टिंग में कुछ गलती हो लेकिन इसे हमेशा के लिए पकडे नहीं रखा जा सकता। वैसे भी ये मामला दस साल पुराना है।इसके बाद  ये याचिका खारिज कर दी गई।

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