दिवाली पर पटाखे चलाने का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव नहीं : CPCB ने SC में दी रिपोर्ट
LiveLaw News Network
6 Jan 2018 10:55 AM IST
दिल्ली और NCR में दिवाली व दशहरे के दिनों में वायु प्रदूषण और इसके चलते लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
शुक्रवार को दाखिल हलफनामे मे कहा गया है कि दिल्ली NCR में पटाखे चलाने से हवा पर बडा प्रभाव नहीं पडा है। हालांकि दिवाली से पहले के दिनों के मुकाबले दिवाली के बाद के दिनों में PM10 और PM 2.5 दो से 3.5 गुणा तक बढ गया था। SO2 तय मानक में रहा और दिवाली के दिन हल्का बढा। SO2 और NO2 दशहरे से पहले और बाद में सीमा में ही रहा। दिल्ली और NCR में हवा की गुणवत्ता बहुत ज्यादा खराब नहीं हुई। दिवाली के दिन हवा की क्वालिटी बुरी हुई। आंखों में जलन, कफ के चलते लोगों को अस्पताल ज्यादा जाना पडा लेकिन ये आंकडे ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं। पटाखे चलाने से स्वास्थ्य पर पडने वाले प्रभाव पर लॉंग टर्म स्टडी की जरूरत है।
CPCB ने ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत दाखिल की है। शुक्रवार को जस्टिस ए के सीकरी की बेंच ने कहा था कि CPCB ये रिपोर्ट दाखिल करे कि दिवाली से पहले और दिवाली के बाद पटाखों की बिक्री पर बैन करने का क्या असर पडा। CPCB की ओर से पेश वकील ने कहा कि रिपोर्ट तैयार है और दाखिल की जा रही है। हालांकि इसका लोगों के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर नहीं पडा है। सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद इस पर सुनवाई करेगा।
दरअसल दिल्ली और NCR में दिवाली के दौरान पटाखों की बिक्री पर रोक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट देशभर में पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक की याचिका पर विचार कर रहा है।
8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार और पटाखा निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा था। साथ ही कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा सरकार के साथ साथ मौसम विभाग को भी नोटिस जारी किया था।
दरअसल अर्जुन गोपाल समेत 3 बच्चों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के वक्त दिल्ली और NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाते हुए सारे लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि 1 नवंबर से पटाखों की बिक्री हो सकेगी। याचिकाकर्ता एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इस बैन को देशभर में लगाने की मांग लेकर पहुंचे हैं।
इस याचिका में कहा गया है कि किस तरह से दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद पटाखा विक्रेताओं ने अपने घरों से ही पटाखों की बिक्री की। इतना ही नही दिवाली की देर रात तक पटाखा बजाने वालों के ख़िलाफ़ शिकायत मिलने पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
याचिका में मीडिया रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पूरे देश में पटाखों पर रोक की मांग की गई है। अर्जी में मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि चेन्नई में पटाखों की वजह से इतना प्रदूषण हो गया था कि स्मॉग की वजह से वायु यातायात प्रभावित हुआ था और विमान देरी से चल रहे थे ।
याचिका में ये भी कहा गया है कि 1 नवंबर से शादियों का सीज़न शुरू हो गया जिसमें बड़े पैमाने पर पटाखों की मांग होगी जो शहर की हवा का सबसे ख़राब समय होता है। ऐसा नही है ये केवल शादियों तक सीमित रहेगा, पटाखों की मांग क्रिसमस और नए साल भी रहती है जिसका असर कई दिनों तक रहता है। ऐसे में देश भर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई जाए।