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शादी का फोटो नहीं देनेवाले फोटोग्राफर पर उपभोक्ता अदालत ने लगाया जुर्माना; कहा, शादी जिंदगी की यादगार घटना होती है [आर्डर पढ़े]

LiveLaw News Network
13 Dec 2017 6:43 AM GMT
शादी का फोटो नहीं देनेवाले फोटोग्राफर पर उपभोक्ता अदालत ने लगाया जुर्माना; कहा, शादी जिंदगी की यादगार घटना होती है [आर्डर पढ़े]
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फोटो हमारे जीवन के पलों को संजोते हैं और इनमें हमारी यादें बसती हैं। और अगर ये फोटो शादी के हों, तब तो ये और भी यादगार हो जाते हैं। और ऐसे में अगर फोटोग्राफर शादी के फोटो और वीडिओ नहीं दे तो किसी को भी इस पर गुस्सा आ सकता है।

कुछ ऐसा ही हुआ पूर्वी दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ जिनके फोटोग्राफर ने उन्हें शादी के फोटो और वीडिओ करार के मुताबिक़ शादी के तीन साल बीत जाने के बाद भी नहीं दिया। फोटोग्राफर ने उनसे अपने भुगतान की 80 फीसदी राशि ले ली थी। फोटोग्राफर से फोटो और वीडिओ जब काफी प्रयासों के बाद भी नहीं मिला तो उसने उपभोक्ता अदालत में जाने का फैसला किया।

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (उत्तर पूर्व) ने उनकी दलील सुनने के बाद कहा, “शादी जिंदगी का यादगार लम्हा होता है और उसके फोटो और वीडिओ में ये खूबसूरत यादें बसती हैं। लेकिन याचिकाकर्ता को प्रतिवादी के अनुचित व्यवहार ने इस आनंद से दूर कर दिया। उसने कुल भुगतान की 80 फीसदी राशि लेने के बाद भी याचिकाकर्ता को फोटो और वीडिओ वादे के मुताबिक़ बिना किसी कारण के नहीं दिए।”

फोरम की बेंच के अध्यक्ष एनके शर्मा और इसकी सदस्य सोनिका मेहरोत्रा ने फोटोग्राफर को 10 हजार रुपए मुआवजा के रूप में देने का आदेश दिया क्योंकि शिकायतकर्ता समय पर अपने फोटो और वीडिओ का आनंद नहीं उठा पाया।

याचिकाकर्ता ने इस फोटोग्राफर को शादी का फोटो खींचने और वीडिओ बनाने को कहा था। इसके लिए 15 हजार रुपए देने की बात तय हुई और फोटोग्राफर को 250 फोटो और एक वीडिओ डीवीडी देना था। उससे कहा गया कि उसको बेहतर सेवा मिलेगी। याचिकाकर्ता ने फोटोग्राफर को एक हजार रुपए एडवांस भी दिया था।

शादी 2 दिसंबर 2015 को संपन्न हुई शादी की रात उसने फोटोग्राफर को 10 हजार रुपए दे दिए और शेष राशि फोटो और डीवीडी मिलने के बाद देने की बात थी।

फोटोग्राफर ने शादी के 10 दिनों के भीतर सारे फोटो और डीवीडी देने का वादा किया था।

फोटोग्राफर ने बाद में ज्यादा पैसा मांगना शुरू कर दिया पर 12500 रुपए चुकाने और कानूनी नोटिस भिजवाने के बाद भी उनको फोटो और डीवीडी नहीं मिले।

याचिकाकर्ता ने उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर कहा कि फोटोग्राफर ने फोटो और वीडिओ समय पर नहीं देकर उनको अपनी शादी के पलों को दुबारा जीने से रोक दिया। उसने इस सबके बदले 50 हजार रुपए हर्जाने की मांग की।

फोरम ने एकतरफा फैसला सुनाते हुए कहा कि हम मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए लगभग पूरे भुगतान लेकर भी फोटोग्राफर को करार तोड़ने का दोषी मानते हैं।

अदालत ने कहा, “इसके अनुरूप, हम फोटोग्राफर को आदेश देते हैं कि वह शिकायतकर्ता को शादी का फोटो और डीवीडी सौंप दे या फिर उनको 12500 रुपए दे और इस पर 9 मार्च 2016 (जिस दिन यह राशि प्राप्त हुई) से इस राशि के मिलने तक 8% की दर से ब्याज चुकाए। हम शिकायतकर्ता को हुई मानसिक परेशानी के कारण उसे 10 हजार रुपए का हर्जाना देने का भी आदेश देते हैं और 3000 रुपए इस मुकदमे पर आए खर्च का भी उसे देना होगा।”


 
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