“ सुरक्षा, इन्हें बाहर ले जाओ” : CJI ने सुराज इंडिया ट्रस्ट के चैयरमैन को जुर्माने के 25 लाख देने का आदेश देते हुए कहा

LiveLaw News Network

6 Dec 2017 5:03 AM GMT

  • “ सुरक्षा, इन्हें बाहर ले जाओ” : CJI ने सुराज इंडिया ट्रस्ट के चैयरमैन को जुर्माने के 25 लाख देने का आदेश देते हुए कहा

    मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुराज इंडिया ट्रस्ट बनाम भारत संघ मामले में उस वक्त बडा ड्रामा हुआ जब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुराज इंडिया ट्रस्ट के चेयरमैन राजीव दहिया को बाहर निकालने के लिए सुरक्षाकर्मियों को बुला लिया। बेंच ने कहा कि उन्हें जुर्माने के 25 लाख रुपये देने ही होंगे मगर दहिया बार बार ये ही कहते रहे कि ये आदेश वापस लिए जाएं क्योंकि उनकी बात सही तरीके से सुनी नहीं गई।

    चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने गुस्से में कहा, “ आप हमारा वक्त बर्बाद मत कीजिए। आप रुकावट पैदा कर रहे हैं। आपने कोर्ट में 64 याचिकाएं दाखिल की। कोर्ट के पास और भी काम है। लोग जेल में हैं। महिलाएं और बच्चे मोटर वाहन क्लेम का इंतजार कर रहे हैं। आप पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, वो आपको देना होगा। हम अपना आदेश वापस नहीं लेंगे।”

    दहिया के इस दावे कि उन्हें जुर्माना लगाते हुए सुना नहीं गया, पर चीफ जस्टिस ने कहा कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड उस बेंच में शामिल थे और उन्होंने बताया है कि दहिया को पर्याप्त वक्त दिया गया था। इसलिए इस केस में कुछ नहीं बचा। चीफ जस्टिस ने सुरक्षाकर्मी से कहा कि दहिया को बाहर ले जाया जाए। सुरक्षाकर्मी उन्हें फौरन बाहर ले गए।

     दरअसल एक मई को सुप्रीम कोर्ट ने बेकार और गंभीरता से विचार न करने वाली याचिकाओं को दाखिल करने के मामले में सुराज़ इंडिया ट्रस्ट NGO पर 25 लाख का जुर्माना लगाया था।ये जुर्माना तीन घंटे की सुनवाई के बाद लगाया गया।

    सुप्रीम कोर्ट ने सुराज़ इंडिया ट्रस्ट और उसके अध्यक्ष राजीव दहिया को आजीवन कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने से भी बैन कर दिया था।

     तत्कालीन चीफ जस्टिस जे  एस खेहर ने ट्रस्ट से सवाल किया था कि अब तक 64 याचिकाएं दाखिल की थी और सभी ख़ारिज हुईं। आखिर वो ऐसा कैसे कर सकते हैं ,  कोर्ट ने कहा था कि ट्रस्ट की याचिकाओं से कोर्ट का समय बर्बाद हुआ है।

     इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में ट्रस्ट को काफी फटकार लगाई थी.

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