गोरखालैंड : दंगाई भीड लोकतंत्र के विरोधी, अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
LiveLaw News Network
6 Dec 2017 10:29 AM IST
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आरोपी ये कहकर जांच के चुनौती नहीं दे सकता कि इससे क्षेत्र में तनाव बढेगा। सिंघवी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता विमल गुरंग की याचिका पर दलीलें दे रहे थे जिसमें स्वतंत्र जांच को ये कहकर चुनौती दी गई है कि राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है।
याचिका का विरोध करते हुए सिंघवी ने कहा कि दंगाई भीड को खुली छूट दी गई तो लोकतंत्र बचा नहीं रह सकता। राज्य को शक्ति क्यों सौंपी जाती है? इसलिए क्योंकि सामाजिक करार राज्य को नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपता है।
इससे पहले गुरंग के वकील पी एस पटवालिया ने जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच में कहा कि जांच पर आरोपी और लोगों को भरोसा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अलग राज्य की सोच 1900 से चल रही है। ऐसे में दमनकारी नीति कोई उत्तर नहीं है। राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि गुरंग पर एक जैसी कई FIR दर्ज की गई हैं जिससे तनाव और बढेगा। सरकार क्यों उनकी सही जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ( SIT) बनाने की मांग का विरोध कर रही है ? उनकी जांच से तो सही को गलत बनाया जाएगा जिससे सरकार पर भरोसा और टूटेगा।
इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार को गुरंग के खिलाफ किसी कडी कार्रवाई करने से रोक दिया था। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।