Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

भारत के दलवीर भंडारी आईसीजे के दुबारा जज नियुक्त

LiveLaw News Network
21 Nov 2017 2:11 PM GMT
भारत के दलवीर भंडारी आईसीजे के दुबारा जज नियुक्त
x

भारत के दलवीर भंडारी आज हुए चुनाव में अंतरराष्ट्रीय अदालत में वर्ष 2018-27 के लिए दुबारा चुन लिए गए हैं। उनको यह विजय तब मिली जब ब्रिटेन ने अपने उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड का नाम वापस ले लिया. न्यायमूर्ति भंडारी को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 में से 183 वोट मिले. ब्रिटेन का कहना था कि वह भारत की जीत से खुश है।

अंतरराष्ट्रीय अदालत के पांच में से चार न्यायाधीशों के चुनाव के बाद पांचवें न्यायाधीश के लिए दुबारा चुनाव हुआ था और भारत के दलवीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच कड़ा मुकाबला था। ब्रिटेन के गार्डियन अखबार के अनुसार, जब न्यू यॉर्क में 11वें दौर का मतदान शुरू होने वाला था, संयुक्त राष्ट्र में यूके मिशन द्वारा एक पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया कि सर क्रिस्टोफर ग्रीनवुड हार स्वीकार कर रहे हैं और भारतीय प्रतिद्वंद्वी दलवीर भंडारी के पक्ष में अपना नाम वापस ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के 71 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौक़ा होगा जब ब्रिटेन का कोई जज संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था में नहीं होगा। भंडारी की जीत के बाद खुश विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, “‘वंदे मातरम - भारत ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के लिए चुनाव जीता। जय हिन्द”।

भंडारी की जीत की घोषणा होने के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन को बधाई दी।

ब्रिटेन को गहरा धक्का तब लगा जब गत सप्ताह पांच चक्र के लगातार मतदान के बाद ब्राज़ील, लेबनान, फ्रांस और सोमालिया के जज आईसीजे के लिए चुन लिए गए और ब्रिटेन पीछे रह गया. माना जा रहा था कि सुरक्षा परिषद् के अन्य स्थाई सदस्य अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ग्रीनवुड के पक्ष में हैं।

एजेंसियों की खबरों के अनुसार, मतदान के पहले 11 वें दौर में भंडारी को महासभा में करीब दो-तिहाई मत मिले थे, जबकि ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद् में लगातार नौ वोट मिल रहे थे। इसके बाद ही दोनों पक्षों के बीच यह समझौता हुआ। भंडारी की जीत पर उन्हें बधाई देते हुए ब्रिटेन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मंचों पर भारत के साथ सहयोग करता रहेगा।

ब्रिटेन का कहना है कि उसका निराश होना स्वभाविक है, लेकिन यह छह प्रत्याशियों के बीच का कड़ा मुकाबला था। भंडारी पहली बार आईसीजे के लिए 19 जून 2012 को चुने गए थे।

Next Story