छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा, बेहतर सड़क लोगों के जीवन के अधिकार का हिस्सा, नगर निगम फंड नहीं होने का बहाना बनाकर पल्ला नहीं झाड़ सकता [आर्डर पढ़े]
LiveLaw News Network
19 Nov 2017 4:17 AM GMT
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा है कि सड़कों का उचित रखरखाव होना और बेहतर स्थिति में होना लोगों का अधिकार है। ये लोगों के जीवन के अधिकार का मसला है। वित्तीय कमी का बहाना बनाकर नगर निगम इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने पंकज साहू की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उक्त व्यवस्था दी जिसमें कहा गया कि लोग सड़कों से दुकान तक नहीं जा पा रहे हैं। सड़कों की हालत इतनी खराब है कि लोग उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। जस्टिस के. अग्रवाल की बेंच ने कहा कि म्युनिसिपल अथॉरिटी की जिम्मेदारी है कि वह सड़क को सही तरह से बनाए और बेहतर हालत में रखे। प्रत्येक नागरिक इस बात का हकदार है कि उसे तमाम बुनियादी नागरिक सुविधाएं मिले जिसमें सड़क आदि शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा कि संविधान में प्रावधान है कि सड़क बेहतर हालत में हों। लोगों के जीवन के अधिकार का यह हिस्सा है। कोर्ट ने कहा कि म्युनिसिपल अथॉरिटी अपनी विधायी कर्तव्य में विफल रही है। वह न तो सड़क ठीक कर रही है और न ही खुली नालियों को ठीक कर रही है। साथ ही वह अवैध कब्जे भी हटा नहीं पाई है। अदालत ने कहा कि सिविक एजेंसी तमाम कारगर कदम उठाए ताकि लोगों को तमाम बुनियादी सुविधाएं, सड़क की सुविधाएं आदि उपलब्ध हो सके।