मेरिटल रेप एक अपमानजनक अपराध जो शादी संस्थान में भरोसे को जख्मी करता है : गुजरात हाईकोर्ट [आर्डर पढ़ें]
LiveLaw News Network
7 Nov 2017 7:34 PM IST
मेरिटल रेप यानी पत्नी के साथ रेप को “ अपमानजनक अपराध” बताते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने अब कानूनी सवाल पर सुनवाई करने का फैसला किया है कि क्या कोई पत्नी अपने पति के खिलाफ IPC की धारा 377 के तहत अप्राकृतिक यौनाचार की कार्रवाई शुरु कर सकती है या नहीं।
हाईकोर्ट ने कहा है मेरिटल रेप भारत में एक अपमानजनक अपराध है जो शादी के संस्थान में भरोसे को जख्मी करता है। इस परंपरा को गैरआपराधिक बनाए जाने से बडी संख्या में महिलाएं इसका दंश झेल रही हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि मेरिटल रेप मतलब एक व्यक्ति द्वारा दबाव में, दबाव की धमकी देकर या शारीरिक हिंसा या जब वो सहमति देने की स्थिति में ना हो, के साथ यौन संबंध बनाना होता है। ये पति द्वारा असहमति के तहत पत्नी के खिलाफ किया गया हिंसक कार्य है जिससे उसका शारीरिक और यौन शौषण किया जाता है।
जस्टिस जेबी परदीवाला ने शिकायत को रद्द करने की एक व्यक्ति की याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए शिकायतकर्ता पत्नी को नोटिस जारी किया है। उन्होंने कोर्ट के सामने विचार के सवालों को भी रखा है। ये सवाल इस तरह हैं।
- अगर पति जबरन पत्नी को मौखिक सेक्स में शामिल करता है तो ये क्या IPC के सेक्शन 377 के तहत अपराध है ?
- अगर पति जबरन पत्नी को मौखिक सेक्स में शामिल करता है तो ये क्या इसे IPC के 498-A के तहत प्रताडना का अपराध माना जाए ?
- अगर पति जबरन पत्नी को मौखिक सेक्स में शामिल करता है तो ये क्या ये IPC के सेक्शन 376 में रेप के तहत सजा योग्य होगा ?
कोर्ट ने कहा कि समाज में तीन तरह के मेरिटल रेप का चलन है।
- बैटरिंग रेप यानी हिंसक रेप : इसमें महिला के साथ कई तरीकों से शारीरिक और यौन तरीके से हिंसा की जाती है। कई मामलों में महिला के साथ उसका पति जबरन हिंसक यौन संबंध बनाने के बाद शारीरिक हिंसा करता है। ज्यादातर मामलों में पति यौन संबंधों पत्नी द्वारा इच्छा के विरूद्ध यौन संबंध बनाने पर उसके खिलाफ कदम उठाना चाहता है।
- सिर्फ दबाव बनाकर रेप - इन मामलों में पति सिर्फ उतना ही दबाव बनाता है जितना पत्नी को मजबूर करने के लिए काफी है। ऐसे मामलों में हिंसक यौन संबंध बनाना जरूरी नहीं है और यौन संबंध बनाने से इंकार करने वाली महिलाएं आमतौर पर ऐसे ही हमले सहती हैं।
- जुनूनी रेप - जुनूनी रेप में बुरी तरह टार्चर जैसे हमले या विकृत यौन कार्य शामिल होते हैं और ये सामान्यता हिंसक होते हैं। इन्हें क्रूर रेप का नाम दिया गया है।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 18 साल से कम उम्र की नाबालिग पत्नी से यौन संबंध रेप हैं। दिल्ली हाईकोर्ट भी मेरिटल रेप को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन को एमिक्य क्यूरी बनाया गया है।