कार्ति चिंदबरम मामले में 9 नवंबर को CBI जांच संबंधी सीलबंद लिफाफा खोलेगा सुप्रीम कोर्ट
LiveLaw News Network
6 Nov 2017 5:11 PM IST
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम 9 नवंबर तक विदेश नहीं जा पाएंगे। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश किए गए जांच संबंधी दस्तावेज के सीलबंद लिफाफे को खोलने का फैसला कर लिया है।
सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि 9 नवंबर को कोर्ट सीबीआई के सीलबंद लिफाफे को देखेगी और तय करेगी कि कार्ति को विदेश जाने की इजाजत दी जाए या नहीं। अगर दी जाए तो क्या शर्तें लगाई जाएं ?
वहीं कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर कोर्ट ये रिपोर्ट देखता है तो उन्हें भी इसकी कॉपी मुहैया कराई जाए। सिब्बल ने कहा कि ये कोई सबूत नहीं हैं। सीबीआई को उनकी संपत्ति बैंक खातों संबंधी सारी जानकारी है अगर कार्ति विदेश जाकर कुछ करते हैं तो एजेंसी को पता चल जाएगा।
वहीं सीबीआई की ओर से ASG तुषार मेहता ने कहा कि इस मुद्दे को वो कोर्ट पर ही छोडते हैं।
दरअसल कार्ति ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 10 नवंबर कोUK की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में द रूल ऑफ लॉ एंड पाल्टिकल डवलपमेंट इन पाकिस्तान विषय पर लेक्चर में हिस्सा लेने, 11 व 12 नवंबर को एसोसिएशन ऑफ टेनिस प्रोफेशनल्स की मीटिंग में शामिल होने के लिए विदेश जाने की इजाजत मांगी है। कार्ति ने कहा है कि कि बेटी के दाखिले के लिए भी वहां जाना है। कार्ति ने पांच नवंबर से 15 नवंबर और एक दिसंबर से सात दिसंबर तक UK जाने की इजाजत मांगी है।
12 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले वो ये फैसला देगा कि एक आपराधिक मामले की जांच संबंधी सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट देख सकता है या नहीं। ।
सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने का कडा विरोध किया है। सीबीआई ने कहा कि अगर उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी तो वो सबूतों के साथ छेडछाड कर सकते हैं। कोर्ट कोई भी फैसला लेने से पहले सीलबंद कवर में दिए सबूतों को देखे जिनमें संपत्ति का ब्योरा और बैंक खातों का ब्योरा शामिल है।
जबकि कार्ति की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि वो कानून से भगौडे नहीं हैं उनके खिलाफ सिर्फ एक FIR है कोई सबूत नहीं हैं।सीबीआई सीलबंद लिफाफे को खोलकर दिखाए कि इसमें क्या नया तथ्य है।अगर ऐसा है तो सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करे।
इससे पहले कार्ति बचाव में उनके पिता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा था कि राजनीतिक बदले की भावना से कार्ति को निशाना बनाया जा रहा है और LOC उसी का औजार है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि जब से NDA की सरकार सत्ता में आई है, वो राजनीतिक बदले की भावना से उनके और परिवार के खिलाफ खासकर बेटे कार्ति चिदंबरम को निशाना बनाया जा रहा है।
कार्ति चिंदबरम की तरफ से कहा गया था कि उनकी बेटी के शिक्षण संबंधी काम के लिए उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी जाना है ऐसे में उनको जाने की इजाजत दी जाए। कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया था कि वो विदेश जाकर बैंक संबंधी कोई काम नही करेंगे
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अगर इन दस्तावेजों को देखेंगे तो चकित रह जाएंगे कि कैसे कार्ति चिंदबरम ने विदेश जा कर सबूतों को नष्ट किया।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कार्ति चिंदबरम जब विदेश गए थे तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की। सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि कार्ति चिंदबरम ने अपने विदेशी बैंक खातों से पैसे की लेनदेन की और खातों को बंद कर दिया।
सीबीआई की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा है कि हाल ही की जांच और सर्वे में एजेंसी के हाथ कुछ अहम दस्तावेज मिले हैं जो चौंकाने वाले हैं। इनके मुताबिक कार्ति ने विदेश जाकर कैसे लेनदेन और फिर बैंक खातों को बंद कर दिया।
वहीं कार्ति की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने सीबीआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाया और कहा इनका लुक आउट मामले से कोई लेना देना नहीं है और जांच एजेंसी इन्हें कोर्ट को देना चाहती है तो ये दस्तावेज कार्ति को भी दिए जाने चाहिए।
वहीं सीबीआई ने कहा कि रेड के दौरान करोडों रुपये के लेनदेन संबंधी दस्तावेज मिले हैं और एजेंसी इस मामले में सीमा में रहकर सही कार्रवाई कर रही है। वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि लुक आउट का मामला हल हो चुका है क्योंकि कार्ति सीबीआई जांच में शामिल हो चुके हैं।
पिछली सुनवाई में ASG तुषार मेहता ने कहा था कि कार्ति ने एजेंसी को विदेश में एक बैंक अकाउंट बताया लेकिन फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट की रिपोर्ट के अनुसार उनके विदेशों में कई खाते हैं और इन खातों से बडी रकम का लेनदेन हुआ हैं। पिछली बार कार्ति विदेश गए तो खाते बंद भी किए।
वहीं इसका विरोध करते हुए कार्ति की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर एजेंसी के पास इतने सबूत हैं तो कालेधन और फेमा मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सीबीआई इस मामले में सील कवर में रिपोर्ट भी दाखिल करना चाहती थी।
पिछली सुनवाई में भी सीबीआई की ओर से ASG तुषार मेहता ने विरोध करते हुए कहा था कि कार्ति के खिलाफ जांच जारी है। उनकी विदेशों में करीब 25 संपत्तियां हैं। जांच अभी नाजुक दौर में है। ऐसे में विदेश जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
इससे पहले सीबीआई की ओर से पेश ASG तुषार मेहता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एनएम खानवेलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच के सामने कहा था कि कार्ति के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और विदेश यात्रा पर रोक नहीं हटाई जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 18 अगस्त को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट कार्नर नोटिस के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को 23 अगस्त कोसीबीआई के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि कार्ति को केस से संबंधित कागजात के साथ सीबीआई के सामने पेश हों। दिल्ली के सीबीआई हेडक्वार्टर में पेश होकर पूछताछ के वक्त कार्ति का वकील सीबीआई हेडक्वार्टर में दूसरे कमरे में रह सकता है। 23 अगस्त को कार्ति सीबीआई के सामने पेश हुए भी थे।
दरअसल 10 अगस्त 2017 को मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी। आइएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था। यह मामला आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है। उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।