Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल बैन को लेकर NCR की फैक्ट्रियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने EPCA, केंद्र से मांगा जवाब

LiveLaw News Network
6 Nov 2017 10:01 AM GMT
पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल बैन को लेकर NCR की फैक्ट्रियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने EPCA, केंद्र से मांगा जवाब
x

पेटकोक व फर्रनेस ऑयल के बैन को लेकर NCR की फैक्ट्रियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने EPCA और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 13 नवंबर को करेगा।

सोमवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने जस्टिस मदन बी लोकुर की बेंच में कहा कि प्रदूषण को लेकर फैक्टियां भी चिंतित हैं और इसे लेकर तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इससे पहले केंद्र ने 23 अक्तूबर को ही ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है और इसके लिए तीन महीने में सुझाव देने हैं। 31 दिसंबर 2017 तक सरकार फैक्ट्रियों के धुएं को लेकर मानक तैयार कर देगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इन फैक्ट्रियों को 31 दिसंबर तक मोहलत दे ताकि वो भी इन मानको के अनुसार काम कर सकें। याचिकाकर्ताओं के वकीलों का कहना था कि फैक्ट्रियों को दूसरी तकनीक लाने के लिए वक्त चाहिए। कोर्ट के इस आदेश से फैक्ट्रियों का काम बंद हो गया है।

दरअसल NCR की फैक्ट्रियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उस आदेश में संशोधन की गुहार लगाई गई हैं जिसमें एक नवंबर से फैक्ट्रियों में पेटकोक और फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी।

गौरतलब है कि 24 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने NCR में फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के लिए मानक तय करने के मामले में केंद्र सरकार पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने आदेश में कहा था कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार NCR की फैक्ट्रियों में पेटकोक और फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल को रोकने के लिए कदम उठाएं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो एक नवंबर से इन फैक्ट्रियों में पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल पर रोक रहेगी।

मंगलवार को जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MOEF) पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को कहा कि अफसर हमेशा हर मामले में देरी करते हैं लेकिन अब जागने का वक्त आ गया है।

दरअसल NCR में फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए को लेकर मानक तैयार करने संबंधी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)  ने 34 कैटेगरी की फैक्ट्रियों के लिए इसी साल जून में मंत्रालय को ड्राफ्ट भेजा था लेकिन मंत्रालय ने इसे ड्राफ्ट नोटिफाई करने के लिए चार महीने का वक्त ले लिया।

सुनवाई के दौरान मंत्रालय की ओर से पेश ASG मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया था कि 23 अक्तूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन अपलोड किया किया है। इसके तहत 60 दिनों के भीतर लोगों को अपने सुझाव देने के लिए कहा गया है। मंत्रालय जल्द ही प्रभावी कदम उठाएगा।

लेकिन बेंच ने इसी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि जब ड्राफ्ट मिल गया था तो मंत्रालय ने इतना वक्त क्यों लिया।

दरअसल EPCA ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि NCR में फैक्ट्रियों में पेटकोक और फ्यूरेंस ऑयल का इस्तेमाल होता है जिनकी वजह से प्रदूषण फैलता है। इसी को लेकर कोर्ट ने प्रदूषण पर रोकथाम के लिए फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के लिए मानक तय करने को कहा था।

Next Story