संशोधित वेतन लागू करवाने केरल नर्स एसोसिएशन निजी अस्पतालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँचा [याचिका पढ़े]

LiveLaw News Network

31 Oct 2017 2:02 PM GMT

  • संशोधित वेतन लागू करवाने केरल नर्स एसोसिएशन निजी अस्पतालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँचा [याचिका पढ़े]

    कम वेतन मिलने के खिलाफ केरल स्टेट यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन ने केरल के निजी अस्पतालों में संशोधित वेतन को लागू कराने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    एसोसिएशन ने यह अर्जी तब दाखिल किया जब नर्सों के वेतन और उनकी कार्यस्थिति की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित कमिटी के सुझावों को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रोक लगा दिया।

    एसोसिएशन ने कहा कि केरल प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन बनाम स्टेट ऑफ़ केरल मामले में किसी भी तरह का फैसला देने से पहले उनका पक्ष सुना जाना चाहिए।

    केरल स्टेट यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन राज्य के सबसे बड़े एसोसिएशन में से एक है जिसके सदस्यों की संख्या 3.8 लाख है।

    एसोसिएशन ने कहा, “कोर्ट में तुरंत याचिका दायर कर निजी अस्पताल संघ सुप्रीम कोर्ट के 29 जनवरी 2016 के फैसले के अनुरूप स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (नर्सिंग प्रभाग) के सुझावों को लागू करने से बच रहा है।”

    यह ध्यान रखने की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए न्यूनतम वेतन कमिटी गठित किया गया जिसने 19 अक्टूबर को निजी अस्पतालों के नर्सों के वेतन में संशोधन करने का सुझाव दिया था।

    राज्य सरकार से वेतन में इस संशोधन को राज्य सरकार की गजट में अधिसूचित करने को कहा  गया जिसमें 200 बिस्तर वाले अस्पतालों में काम करने वाले नर्सों का वेतन 20 हजार करने का सुझाव दिया गया था।

    जब ये सुझाव लागू नहीं किए गए तो नर्सों ने हड़ताल कर दी।

    जब अस्पतालों ने यह आश्वासन दिया कि सुझावों को शीघ्र लागू किया जाएगा तब जाकर हड़ताल ख़त्म हुई लेकिन सुझाव लागू नहीं किए गए।

    इसके बाद निजी अस्पताल एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट चला गया और सुझावों को लागू करने के खिलाफ स्थगन प्राप्त कर लिया।

    नर्सों के एसोसिएशन ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से कहा, “नर्सों को भले ही ‘श्वेत वस्त्र में देवदूत’ कहा जाता है अपने ही देश में उनके साथ जिस तरह का सलूक होता है वह कहीं से भी इसके अनुरूप नहीं है।”

    एसोसिएशन ने कहा, “केरल के निजी अस्पतालों में काम कर रही नर्सों को जो वेतन मिलता है उसको देखकर दैनिक मजदूरी करने वालों को भी शर्म आएगी। बाहर से आने वाले मजदूरों को 700 से 900 रुपए प्रतिदिन मिलते हैं और उसी राज्य में नर्सों को 300 से 400 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से वेतन मिलता है।” एसोसिएशन ने आगे कहा, “एक प्रशिक्षु नर्स के रूप में वे 6500 रुपए से नौकरी शुरू करती हैं जबकि यूरोप में नर्सों को एक से चार लाख रुपए मिलते हैं।


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