आसाराम की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई होगी या नहीं, संशय बरकरार, CJI ने कहा देखेंगे

LiveLaw News Network

27 Oct 2017 7:00 AM GMT

  • आसाराम की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई होगी या नहीं, संशय बरकरार, CJI ने कहा देखेंगे

    दो बहनों से रेप के मामले में जेल में बंद कथित धर्म गुरु आसाराम को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। आसाराम की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई को लेकर शुक्रवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने गुहार लगाई गई। लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि वो देखेंगे।

    गुरुवार को भी आसाराम की ओर से पेश वकील अजय गुप्ता ने जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस अमिताव राय की बेंच को बताया था कि पहले उनका केस दिवाली के बाद सुनवाई के लिए लगा था लेकिन अब ये चार जनवरी 2018 के लिए लगाया गया है। निचली अदालत में ट्रायल में देरी हो रही है और गवाहों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए हैं।

    इस दौरान बेंच ने आसाराम के वकील को कहा था कि वो इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने गुहार लगाएं।

    गौरतलब है कि 28 अगस्त को  नाबालिग से रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  गुजरात के गांधी नगर में चल रही आसाराम के खिलाफ धीमी सुनवाई पर सवाल उठाए थे।  सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा मामले की सुनवाई में देरी क्यों हो रही है ?

    सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस अमिताव राय की बेंच ने राज्य सरकार से पूछा था कि अभी तक पीड़ित के बयान क्यों नही दर्ज किए ? सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को कहा था कि हलफनामा दायर कर केस की प्रगति के बारे में बताए।

    आसाराम की ओर से पेश संजय हेगडे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि पुलिस मामले के ट्रायल में देरी कर रही है। यहां तक कि पीडिता के बयान तक दर्ज नहीं किए गए हैं।

    वहीं गुजरात सरकार की ओर से ASG तुषार मेहता ने कहा कि आसाराम जानबूझकर ट्रायल को लटका रहे हैं और गवाहों को क्रास एग्जामिन नहीं कर रहे हैं। मामले की सुनवाई दीवाली के बाद होगी।

    दरअसल नाबालिग से रेप का मामले में 12 अप्रैल 2017 को सु्प्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा था कि आसाराम के खिलाफ ट्रायल को लटकाए ना रखे। इस मामले में प्रैक्टिकली संभव हो सके, गवाहों के बयान दर्ज कराएं जाएं क्योंकि आसाराम लंबे वक्त से जेल में है.  गुजरात सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मामले में गवाहों को लेकर तेजी से कारवाई चल रही है। 29 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और 46 के बयान दर्ज होना बाकी है। इस बीच दो गवाहों की हत्या कर दी गई और 17 जख्मी हुए हैं जबकि एक लापता है।

    वहीं आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि  सुप्रीम कोर्ट सरकार को आदेश दे कि गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया में तेजी लाए जाए।

    दरअसल आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी को ठुकराते हुए कहा था कि जब तक केस के गवाहों के बयान ट्रायल कोर्ट में दर्ज नहीं हो जाते, वो मामले की सुनवाई नहीं करेगा। दरअसल सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर रेप करने और बंधक बनाने का आरोप लगाया है। बडी बहन ने आसाराम पर 2001 से 2006 के बीच अहमदाबाद के आश्रम में कई बार रेप करने का आरोप लगाया है।

    आसाराम को जोधपुर पुलिस ने एक अन्य मामले में 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तभी से वो जेल में बंद हैं।

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