सुप्रीम कोर्ट ने लगाया पर्यावरण मंत्रालय पर दो लाख का जुर्माना, कहा ये जागने का वक्त
LiveLaw News Network
24 Oct 2017 2:53 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने NCR में फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के लिए मानक तय करने के मामले में केंद्र सरकार पर गहरी नाराजगी जाहिर की है।
मंगलवार को जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MOEF) पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को कहा कि अफसर हमेशा हर मामले में देरी करते हैं लेकिन अब जागने का वक्त आ गया है।
दरअसल NCR में फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए को लेकर मानक तैयार करने संबंधी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने 34 कैटेगरी की फैक्ट्रियों के लिए इसी साल जून में मंत्रालय को ड्राफ्ट भेजा था लेकिन मंत्रालय ने इसे ड्राफ्ट नोटिफाई करने के लिए चार महीने का वक्त ले लिया।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान मंत्रालय की ओर से पेश ASG मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कु 23 अक्तूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन अपलोड किया किया है। इसके तहत 60 दिनों के भीतर लोगों को अपने सुझाव देने के लिए कहा गया है। मंत्रालय जल्द ही प्रभावी कदम उठाएगा।
लेकिन बेंच ने इसी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब ड्राफ्ट मिल गया था तो मंत्रालय ने इतना वक्त क्यों लिया।
दरअसल EPCA ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि NCR में फैक्ट्रियों में पेटकोक और फ्यूरेंस ऑयल का इस्तेमाल होता है जिनकी वजह से प्रदूषण फैलता है। इसी को लेकर कोर्ट ने प्रदूषण पर रोकथाम के लिए फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के लिए मानक तय करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले। की आठ नवंबर को सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को फैक्ट्रियों में पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है। कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि अगर सरकारें फेल हुई तो एक नवंबर से ये बैन लागू होगा।