Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

चुप्पी को यौन संबंधों में सहमति का सबूत नहीं माना जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट [निर्णय पढ़ें]

LiveLaw News Network
23 Oct 2017 8:30 AM GMT
चुप्पी को यौन संबंधों में सहमति का सबूत नहीं माना जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट [निर्णय पढ़ें]
x

दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि सिर्फ चुप्पी को यौन संबंधों में सहमति का सबूत नहीं माना जा सकता। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने छह महीने तक नाबालिग से बलात्कार करने वाले शख्स की दस साल की सजा को बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने दोषी मुन्ना की अपने बचाव में उन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि इन यौन संबंधों के दौरान पीडिता चुप रही जो सहमति का एक बडा सबूत है जबकि पीडिता ने कोर्ट में कहा था कि इस दौरान उसे नशीला पदार्थ दिया गया और बार- बार गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।

न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने कहा कि दोषी ने बचाव में कहा है कि यौन संबंधों के लिए पीडिता की सहमति थी क्योंकि इस दौरान वो चुप रही लेकिन ये कोई आधार नहीं है और सिर्फ चुप रहने को यौन संबंधों में सहमति का सबूत नहीं माना जा सकता क्योंकि पीडिता ने कहा है कि आरोपी ने उसे धमकाया था। ऐसे में बिना सहमति बनाए गए यौन संबंध रेप माने जाते हैं।

हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा 2015 में दी गई सजा के खिलाफ मुन्ना की याचिका को भी खारिज कर दिया।

पेश मामले में नाबालिग लडकी ने अपनी सौतेली मां के अत्याचार से परेशान होकर उत्तर प्रदेश स्थित अपना घर छोड दिया था। इसके बाद वो पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची जहां एक बुजुर्ग ने दो दिनों तक अपने घर में रखा। फिर उसने पीडिता को मुन्ना को नौकरी दिलाने के लिए सौंपा और मुन्ना उसे लेकर पानीपत चला गया। वहां पीडिता को एक फ्लैट में बंधक बनाया और ढाई महीने तक रेप किया। इस दौरान उसे नशीली दवा दी गई और भागने की कोशिश करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। फिर मुन्ना उसे लेकर दूसरे शहर चला गया और रेप करता कहा। इसके डेढ महीने बाद मुन्ना उसे सुमन कुमार के नोएडा के किराए के कमरे में ले गया जहां उसके बाहर निकलने पर पाबंदी रही।

1 अप्रैल 2011 को दोनों उसे दिल्ली के शास्त्री पार्क के एक घर में ले आए। इस दौरान भी मुन्ना ने सुमन की मौजूदगी में रेप किया। एक दिन किसी बात पर मुन्ना और सुमन के बीच किसी बात पर कहासुनी हुई और सुमन ने पुलिस बुला ली। बाद में सुमन को इस केस से बरी कर दिया क्योंकि उस पर सामूहिक उद्देश्य की बात साबित नहीं हो सकी।


 
Next Story