बम एक्सपर्ट करीम टुंडा को सोनीपत की अदालत ने सुनाई उम्रकैद, 21 साल बाद आया फैसला

LiveLaw News Network

11 Oct 2017 5:15 AM GMT

  • बम एक्सपर्ट करीम टुंडा को सोनीपत की अदालत ने सुनाई उम्रकैद, 21 साल बाद आया फैसला

    हरियाणा के सोनीपत में 1996 में हुए दो बम धमाकों के मामले में कोर्ट ने लश्कर के  आतंकी और बम एक्सपर्ट अब्दुल करीम टुंडा को उमक्रैद और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। टुंडा को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने सोमवार को दोषी करार दिया और मंगलवार को सजा का ऐलान किया। दो दिन पहले ही कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। हालांकि सुनवाई में वो खुद सो बेकसूर बताता रहा।

    खास बात ये है कि  21 साल में पहली बार टुंडा को सजा सुनाई गई है जबकि दिल्ली में धमाकों के चार मामलों में वो बरी हो चुका है। उसके खिलाफ अजमेर में भी केस चल रहा है।

     दरअसल सोनीपत शहर में 28 दिसंबर 1996 को दो स्थानों पर बम ब्लास्ट हुए थे। पहला धमाका बस स्टैंड के पास सिनेमा हॉल में हुआ था। महज इसके 10 मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ। धमाके में करीब 10 से 12 लोग घायल हुए थे।पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों पिलखुआ निवासी अब्दुल करीम टुंडा और उसके दो साथी शकील अहमद उर्फ आलम और मोहम्मद आमिर खान उर्फ कामरान को नामजद किया था। शकील और कामरान को 1998 में गिरफ्तार कर लिया था लेकिन टुंडा वारदात के बाद से फरार था।

    गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने टुंडा को 16 अगस्त, 2013 को भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था और चार मामलों में आरोपी बनाया था। इसके बाद एक के बाद एक चारों मामलों में कोर्ट ने टुंडा को सबतों के अभाव में सभी आरोपों से बरी कर दिया।

    टुंडा का नाम उन 20 आतंकियों की लिस्ट में भी शामिल है, जिन्हें मुंबई आतंकी हमले के भारत ने बाद पाकिस्तान से सौंपने को कहा था। टुंडा कुल मिलाकर यूपी, दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, पंजाब, हैदराबाद और सूरत में 43 बम विस्फोटों में आरोपी रहा है। इसमें 20 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 400 से ज्यादा घायल हुए थे। वह जम्मू-कश्मीर से बाहर लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा है।

    आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से पहले 1980 के दशक में होम्योपथी दुकान चलाता था।बम बनाने में उसे महारथ हासिल है।

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