हनीप्रीत 6 दिन के पुलिस रिमांड पर, कोर्ट में बताया खुद को बेकसूर
LiveLaw News Network
4 Oct 2017 5:01 PM IST
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सबसे करीबी और मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को पंचकूला की एक अदालत ने 6 दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि हरियाणा पुलिस ने कोर्ट से 14 दिनों के रिमांड की मांग की थी।
बुधवार को कडी सुरक्षा के बीच पुलिस ने हनीप्रीत को कोर्ट में पेश किया। इस दौरान हनीप्रीत के वकीलों ने उस पर लगे देशद्रोह के आरोपों पको गलत बताया और अदालत से हनीप्रीत की जमानत की मांग की पर कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया। हनीप्रीत की ओर से कहा गया कि वो बेकसूर है और सजा के दिन वो गुरमीत राम रहीम के साथ ही थी। ऐसे में वो हिंसा को भडकाने की साजिश कैसे रच सकती है।
- वहीं पुलिस ने कोर्ट में कहा कि पंचकूला में 25 अगस्त को हुई साजिश के पीछे हनीप्रीत का हाथ है और इसकी जांच के लिए उसको कई राज्यों में हनीप्रीत को ले जाना होगा। उससे मोबाइल फोन बरामद करने हैं और अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटानी है। इसके अलावा फरारी के दौरान वो कहां कहां रही और उसके मददगार कौन कौन हैं ये सब पता लगाना है इसलिए 14 दिन का पुलिस रिमांड जरूरी है।हनीप्रीत के साथ पकड़ी गई उसकी मित्र सुखदीप कौर को भी 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
- गौरतलब है कि हनीप्रीत को 38 दिन बाद हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था।पुलिस ने हनीप्रीत को पटियाला-जिरकपुर हाइवे से गिरफ्तार किया था। हनीप्रीत के साथ सुखदीप नाम की महिला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सुखदीप से भी पुलिस पूछताछ करती रही।
देशद्रोह के आरोप झेल रही डेरा सच्चा सौदा के चीफ गुरमीत राम रहीम की मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी। 27 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने हनीप्रीत की तीन हफ्ते कि ट्राजिंट अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता दिल्ली की नागरिक नहीं है और ये सब पंचकूला कोर्ट में चल रही कार्रवाई में देरी करने के लिए किया गया। याचिकाकर्ता चाहे तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर उन्हें जान का खतरा है तो सबसे अच्छा तरीका है कि वो सरेंडर कर दें।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि 12 घंटे की सुरक्षा दे सकते हैं ताकि वो जांच में सहयोग कर सके।
हनीप्रीत ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि वो जांच में सहयोग करने को तैयार है। जब भी जांच एजेंसी उन्हें बुलाएगी वो जांच में सहयोग को तैयार है।जब तक कोर्ट नही कहेगा वो देश छोड़कर नही जाएगी। याचिका में कहा कि उसकी जान को खतरा है। हरियाणा पुलिस के डीजीपी ने भी कहा है कि उनकी जान को खतरा है। हनीप्रीत ने मीडिया में उसके और राम रहीम के बीच चल रहे सम्बंधों का जिक्र करते हुए कहा है ये पूरी तरह से गलत है। इससे उनकी छवि को धक्का पहुँचा है।पंचकूला की घटना के पहले उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नही हुआ था। हरियाणा पुलिस ने उन्हें झूठे केस में फसाया है। याचिका में हनीप्रीत ने ये भी कहा है कि ऐसा लग रहा है जैसे वो दुनिया की सबसे खतरनाक महिला है जबकि उसकी जान को ड्रग माफ़िया, असामाजिक तत्व और गुरमीत राम रहीम के दुश्मनों से ख़तरा है। हनीप्रीत ने अपनी याचिका में कहा था कि वो एक अकेली महिला है और कानून का सम्मान करने वाली है। हरियाणा पुलिस का उद्देश्य है कि वो उसे नुकसान, प्रताड़ित, और हानि पहुँचना चाहती है और गिरफ्तार कर वो शर्मिन्दा करना चाहते हैं। ऐसे में ये साफ हो जाता है कि उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नही है, क्योंकि अगर गिरफ्तार भी किया जाता है तो उसके पास से कुछ भी बरामद नही होगा क्योंकि उसकेपास कुछ है ही नही। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट 3 हफ्ते की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे ताकि वो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सके।
दरअसल 25 सितंबर को ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में भड़की हिंसा मामले में फरार तीन आरोपियों के खिलाफ अदालत ने गिरफ्तारी के वारंट जारी किए थे। इनमें हनीप्रीत, डॉ. आदित्य इंसा और पवन इंसा के नाम शामिल हैं। मामले की जांच में जुटी एसआईटी की ओर से अदालत में याचिका लगाई गई थी। इसके बाद हनीप्रीत, डा. आदित्या एवं पवन इंसा के खिलाफ दंगे करवाने और साजिश मामले में वारंट जारी किए गए। एफआईआर नंबर 345 में हनीप्रीत के खिलाफ को आरोपी बनाया गया जबकि पवन और आदित्य इंसा पहले से इस मामले में आरोपी हैं।
इससे पहले साध्वियों के साथ बलात्कार के दोषी पाए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी मानी जाने वाली हनीप्रीत की भी मुश्किलें बढ़ गई थी जब हनीप्रीत और डेरा के प्रवक्ता आदित्य इंसा सहित तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया था। हनीप्रीत के खिलाफ राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है। उन पर कोर्ट के फैसले के बाद डेरा चीफ राम रहीम को भगाने की साजिश रचने का आरोप है।