आदर्श सोसाइटी ने तीन बैंक खातों के लिए मांगी सुप्रीम कोर्ट से राहत, सीबीआई को नोटिस
LiveLaw News Network
3 Oct 2017 5:24 PM IST
मुंबई की आदर्श कॉपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सोसाइटी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस देकर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। आदर्श हाउसिंग सोसाइटी ने सीबीआई द्वारा फ्रीज किए गए तीन बैंक खातों को खोलने की मांग की है। इससे पहले बोंबे हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस जे चेलामेश्वर की बेंच ने सोसाइटी से ये भी पूछा कि अगर कोर्ट आदर्श इमारत को गिराने के आदेश देता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। वहीं सोसाइटी की ओर से पेश मीनाक्षी अरोडा ने कोर्ट को बताया कि इस घोटाले में सीबीआई ने 12 सदस्यों को आरोपी बनाया है जबकि सोसाइटी में 103 सदस्य हैं। सीबीआई ने 2010 में सोसाइटी के तीन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जिनमें एक करोड 40 हजार रुपये हैं। इनकी वजह से सोसाइटी द्वारा इमारत की देखरेख का काम प्रभावित हो रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को ये खाते डिफ्रीज करने के आदेश जारी करे।
वही इस मामले में सीबीआई ने इसका विरोढ किया और कहा कि इन खातों में बेनामी ट्रान्जेक्शन हो सकते है ऐसे में सोसाइटी की याचिका ख़ारिज की जानी चाहिए।
दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी के खातों को डिफ़्रीज करने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी को एक नया बैंक एकाउंट खोलने के आदेश दिए थे ऐसे में सोसाइटी की याचिका में कोई आधार नजर नही आता। ऐसी ही एक याचिका को सितंबर 2015 में सीबीआई की विशेष अदालत खारिज कर चुकी है।
गौरतलब है कि मुंबई की चर्चित आदर्श सोसाइटी मामले की भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सोसाइटी ने सुप्रीम कोर्ट में बोंबे हाईकोर्ट के 29 अप्रैल 2016 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें केंद्र सरकार को 31 मंजिला इमारत को गिराने के आदेश दिए थे। हालांकि हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 12 हफ्ते का वक्त भी दे दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए आदर्श इमारत का जिम्मा सेना को सौंप दिया था। हालांकि केस की सुनवाई पूरी होने तक सोसाइटी को रखरखाव करने की इजाजत दे दी गई थी।