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जाट आरक्षण के दौरान हिंसा : सेल्फी ने दिलाई आरोपी को जमानत
LiveLaw News Network
26 Sep 2017 7:47 AM GMT

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हरियाणा में जाट आरक्षण के आंदोलन के दौरान हिंसा के आरोप में जेल में बंद एक युवक को उसके द्वारा खीचीं गईं सेल्फी ने जमानत दिला दी।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सेल्फी देखने के बाद अंकित कादयान को जमानत दे दी है। सीबीआई ने अंकित को फरवरी 2016 में रोहतक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू के घर में तोडफोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति सुरिंदर गुप्ता ने फैसले में कहा है कि सीबीआई द्वारा 23 अगस्त 2016 को दिए गए फोटो देखने के बाद ये पाया है कि ये आरोपी ने सेल्फी ली थीं। उनके आधार पर ये नहीं कहा जा सकता कि आरोपी किसी भीड की अगवाई कर रहा था या तोडफोड में शामिल था। मोबाइल टावर के ये बताने कि आरोपी हिंसा के वक्त मौके पर ही था, जमानत से इंकार करने का कोई आधार नहीं है। हालांकि जमानत के लिए शर्त भी लगाई गई है कि कादयान ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई में मौजूद रहेगा और देश छोडकर नहीं जाएगा।
दरअसल घटना के वक्त कादयान की तस्वीर किसी सीसीटीवी कैमरे में नहीं थी बल्कि उसके मोबाइल से तस्वीरों को निकाला गया था। सीबीआई ने उसके आईपीसी के तहत हत्या के प्रयास व अन्य सेक्शन के अलावा प्रिवेंशन ऑफ डेमेज ऑफ पब्लिक प्रापर्टी एक्ट, 1984 के तहत गिरफ्तार किया था। कादयान की दलील थी कि सिर्फ सेल्फी के आधार पर उसे जमानत देने से इंकार नहीं किया जा सकता। उसे समानता के आधार पर भी जमानत मिलनी चाहिए क्योंकि पिछले महीने ही कोर्ट ने ऐसे ही मामले में राजेश कुमार और योगानंद को जमानत दी है।
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