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नहीं मिली राघव चड्ढा को राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा अरूण जेटली मानहानि के ट्रायल के लिए पर्याप्त सामग्री

LiveLaw News Network
26 Sep 2017 4:28 AM GMT
नहीं मिली राघव चड्ढा को राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा अरूण जेटली मानहानि के ट्रायल के लिए पर्याप्त सामग्री
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आम आदमी प्रवक्ता राघव चड्ढा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया है कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा आप नेता राघव चड्ढा पर दायर आपराधिक मानहानि का केस चलता रहेगा। सोमवार को हाईकोर्ट ने आप नेता की वो याचिका खारिज कर दी जिसमें निचली अदालत के समन को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने अपने फैसले में साफ कहा कि वह केवल मेरिट के आधार पर याचिका रद्द रही हैं। याचिका सुनने का कोई आधार नहीं है। वह ट्वीट को री-ट्वीट आपराधिक मानहानि है या नहीं इस मुद्दे को नहीं छू रहीं। यह  निचली अदालत में ट्रायल का मुद्दा है। फिलहाल याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला चलाने के पर्याप्त सामग्री है।

हालांकि सुनवाई के दौरान राघव की तरफ से कहा गया था कि उन्होंने दिल्ली डिस्ट्रिक किक्रेट एसोसिएशन (डीडीसीए) विवाद में जेटली के खिलाफ केजरीवाल के ट्वीट को री-ट्वीट किया था। ऐसे में उन्हें आपराधिक मामले का आरोपी नहीं बनाया जा सकता। नेता के वकील ने कहा था कि पूरी शिकायत इलेक्ट्रॉनिक रूप से डाउनलोड रिकार्ड और एक समाचार पर आधारित है और आईपीसी के तहत मानहानि का अपराध नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि था अगर यह इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड है तो यह सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के दायरे में होगा।राघव ने पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर तक दिल्‍ली हाईकोर्ट को याचिका के निपटारे का आदेश दिया था।

दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने दिसंबर 2015 में डीडीसीए में घोटाले के आरोप लगाने पर अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा के अलावा कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी को बतौर आरोपी समन जारी किए थे। बाद में आरोपियों ने कोर्ट से जमानत ले ली थी। इसके अलावा अरूण जेटली ने दिल्ली हाईकोर्ट में दस करोड रुपये के सिविल मानहानि का मामला भी दाखिल कराया है।

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