रेप पीडित दो नाबालिगों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की दी इजाजत

LiveLaw News Network

21 Sep 2017 11:30 AM GMT

  • रेप पीडित दो नाबालिगों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात की दी इजाजत

    गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताव रॉय और जस्टिस ए एम खानवेलकर की बेंच ने दिल्ली और बंगलूरु की रेप पीडित नाबालिग लडकियों को बडी राहत दी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 24 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात करने की मंजूरी दे दी।

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की 13 साल की रेप पीडित की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए 24 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात कराने की इजाजत दी।  सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स को ये गर्भपात करने के निर्देश दिए है और कहा है किइसका सारा खर्च एम्स उठाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भ्रूण को डीएनए के लिए संरक्षित करने को कहा है ताकि रेप साबित करने में आसानी हो।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड को नाबालिग की मेडिकल जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था और बोर्ड की गर्भपात को मंजूरी की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला किया।

    एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच ने बंगलूरू की 17 साल की रेप पीडित के 24 हफ्ते के गर्भ का गर्भपात करने की मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बैंगलौर मेडिकल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर को गर्भपात करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद  ये फैसला किया है जिसमें कहा गया था कि गर्भपात किया जा सकता है। दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट के याचिका खारिज करने के बाद रेप पीडिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

    गौरतलब है कि देश में कानूनन 20 हफ्ते तक ही गर्भपात करने किया जा सकता है। इसी कारण बहुत सारे मामले सुप्रीम कोर्ट आ रहे हैं।

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