निलंबित एडीजे ने राष्ट्रपति को अनियमितता के आरोपों के मामले में जांच के लिए लिखा

LiveLaw News Network

19 Sep 2017 11:57 AM GMT

  • निलंबित एडीजे ने राष्ट्रपति को अनियमितता के आरोपों के मामले में जांच के लिए लिखा

    एक निलंबित अडिशनल जिला जज आरके श्रीवास ने राष्ट्रपति को लेटर लिखकर कहा है कि वह एक हाई लेवल की जांच कमिटी का गटन करें या फिर सीबीआई को निर्देश दें कि अडिशनल जिला जज की नियुक्ति में अनियमितता की जांच करें। इसके लिए कहा है कि 12 बिंदु हैं जिसमें दो बच्चे से ज्यादा होने के वावजूद अडिशनल जिला जज के पद पर नियुक्ति की गई है।

    श्रीवास ने अपने लेटर में कहा है कि सरकारी नौकरी मेंं उन लोगों को नौकरी नहीं दी जा सकती है जिन्हें दो से ज्यादा बच्चे हैं। 26 जनवरी 2001 के बाद से केंद्र और राज्य सरकार की जनसंख्या नीति ऐसा कहती है।

    उन्होंने कहा कि नीति साफ कहती है कि अगर एक शख्स जिसकी तीसरा बच्चा है वह ऐसे पद के लिए योग्य नहीं है। इसी तरह अगर कोई नौकरी में है और उसे तीसरा बच्चा हो जाता है तो उसे नौकरी गंवानी पड़ेगी।

    लेटर में श्रीवास ने कहा है कि दो साल पहले दामोह जिला कोर्ट में कुछ चौथे वर्ग के कर्मचारियों को उनकी नौकरी से इसलिए निकाल दिया गया था कि उन्के तीन बच्चे थे और ये सब सरकार की जनसंख्या नीति के तहत किया गय ाथआ। ऐसे में वहीं नियम अडिशनल जिला जज की नियुक्त में भी लागू होता है।

    पिछले महीने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के बाहर श्रीवास धरने पर बैठे थे। उनका चार बार 15 महीने के भीतर ट्रांसफर हुआ था और इसके खिलाफ उन्होंने धरना दिया था। बाद में नीमच में उन्होंने जॉइन किया था। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। हाल में उन्होंने नीमच से जबलपुर की साइकल यात्रा की थी। उन्होंने कहा था कि उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ वह आवाज उठा रहे हैं। साथ ही उन्होंने फैसला किया है कि नीमच से वह दिल्ली तक साइकल यात्रा कर विरोध जताएंगे।

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