13 साल की रेप विक्टिम के 22 हफ्ते की प्रिगनेंसी टर्मिनेशन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया

LiveLaw News Network

18 Sep 2017 4:52 PM GMT

  • 13 साल की रेप विक्टिम के 22 हफ्ते की प्रिगनेंसी टर्मिनेशन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया

    13 साल की रेप पीड़ित लड़की की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 22 हफ्ते की प्रिगनेंसी को टर्मिनेट करने की इजाजत मांगी गई इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के पांच डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड बनाने का गठन किया है और लड़की का परीक्षण कर उसकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने को कहा है।

    चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने एम्स से कहा है कि वह पांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड का गठन करें और मेडिकल बोर्ड लड़की को एग्मिन करे और फिर रिपोर्ट पेश करे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की की ओर से उसके एडवोकेट डीपी सिंह ने अर्जी दाखिल की है। रिपोर्ट के मुताबिक लड़की के साथ उसके मकान मालिक ने रेप किया था। लड़की के पेट में कुछ गड़बड़ी हुई तो उसे अस्पताल ले जाया गया जहां प्रिगनेंसी के बारे में पता चला। याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि लड़की नाबालिग है और शारीरिक और मानसिक तौर पर बच्चा पैदा करने में अक्षम है। प्रिग्नेंसी के कारण वह जबर्दस्त मानसिक और शारीरिक और मनोवैज्ञानिक ट्रॉमा में है। अगर प्रिगनेंसी को जारी रखा गया तो वह ट्रॉमा की शिकार हो जाएगी। साथ ही कहा कि वह एक निहसाय लड़की है और गरीबी में वह बच्चे को पाल नहीं सकती साथ ही उसकी खुद की जिंदगी और पढ़ाई दाव पर लग जाएगी।

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