GD गोयंका में छात्र की मौत के मामले में 15 अक्तूबर तक निपटारा करे इलाहाबाद हाईकोर्ट : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

18 Sep 2017 11:28 AM GMT

  • GD गोयंका में छात्र की मौत के मामले में 15 अक्तूबर तक निपटारा करे इलाहाबाद हाईकोर्ट : सुप्रीम कोर्ट

    गाजियाबाद के GD गोयंका पब्लिक स्कूल में चौथी कक्षा के छात्र अरमान सहगल की मौत को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट 15 अक्टूबर तक इस मामले का निपटारा करे।सोमवार को अरमान सहगल के पिता गुलशन सहगल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले में 4 अक्तूबर को सुनवाई होनी है। अगर मामले का निपटारा 4 अक्तूबर को नही हो पाता तो 15 अक्तूबर तक मामले का निपटारा कर दे। याचिकाकर्ता को कोर्ट ने कहा है कि वो जांच संबंधी मांग भी हाईकोर्ट के सामने रखे।

    दरअसल अरमान सहगल के पिता गुलशन सहगल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे मामले की जांच सीबीआई या SIT से कराने की मांग की थी।गुलशन सहगल ने अपनी याचिका में मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाए जिसमें हाईकोर्ट ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

    गुलशन सहगल ने अपनी याचिका में कहा था  कि हाईकोर्ट ने इस बात को अनदेखा किया कि पुलिस घटनास्थल पर 4 घंटे की देरी से पहुँची तब तक स्कूल प्रबंधन ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और सबूतों को नष्ट किया।गुलशन सहगल ने अपनी याचिका में कहा गाजियाबाद पुलिस का रवैया असहयोगी और आनप्रोफेशनल है। कई ऐसे बिंदू थे जिसपर पुलिस को जांच करनी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने नही की। घटना के दिन स्कूल में आरोपी सुबह 3 बजे तक थे और सबूतों को नष्ट कर रहे थे। इस बात को गवाही स्कूल के आस पास रहने वाले लोग देने को तैयार है।
    सीसीटीवी फुटेज नियम के मुताबिक नही थे और कई वीडियो को डिलीट किया गया। कई लोगों के बयां अभी दर्ज करने है जैसे वो स्टॉफ जिसने फ्लोर को साफ किया, वो व्यक्ति जो स्कूल के मेडिकल रूम का इंचार्ज था, स्कूल के IT डिपार्टमेंट के जो सीसीटीवी फुटेज की जिम्मेदारी संभालते है।

    दरअसल इसी साल एक अगस्त की सुबह इंदिरापुरम के जीडी गोयनका स्कूल में छात्र अरमान की फर्श पर गिरने से मौत हो गई थी। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इंदिरापुरम थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी।

    स्कूल के चेयरमैन, प्रधानाचार्य समेत चार ने गिरफ्तारी पर स्टे लेने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए पुलिस को जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। इसके साथ ही 6 सितंबर को हाईकोर्ट ने रोक को और बढा दिया।इस मामले में इंदिरापुरम पुलिस ने 304 यानी गैर इरादतन हत्या और 201 सबूत मिटाने की कोशिश का मामला दर्ज किया था। पिता ने इंदिरापुरम पुलिस पर आरोप लगाया है कि वो जांच सही ढंग से नहीं कर रही है। इस मामले में ये भी हो सकता है कि किसी ने बच्चे को धक्का दिया हो। यहां तक कि घटना के बाद स्कूल के सीसीटीवी भी बदल दिए गए। इसलिए मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए।

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