रेयॉन के बाद इंदिरापुरम जीडी गोयंका में छात्र की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 18 सितंबर को सुनवाई

LiveLaw News Network

14 Sep 2017 8:41 AM GMT

  • रेयॉन के बाद इंदिरापुरम जीडी गोयंका में छात्र की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 18 सितंबर को सुनवाई

    सोहना के रेयॉन स्कूल के बाद अब गाजियाबाद में इंदिरापुरम के जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल में चौथी कक्षा के छात्र अरमान सहगल की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। अरमान सहगल के पिता गुलशन सहगल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे मामले की जांच सीबीआई या SIT से कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करने को तैयार हो गया है।

    चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने गुलशन की ओर से पेश वकील गुरमीत सिंह को कहा कि कोर्ट इस मामवे में 18 सितंबर को सुनवाई करेगा।

    गुलशन सहगल ने अपनी याचिका में मांगी की है कि सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई जाए जिसमें हाई कोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कोई कार्रवाई ना करने के आदेश दिए हैं।

    सुप्रीम कोर्ट में दाखिल गुलशन सहगल ने अपनी याचिका में कहा है कि याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने इस बात को अनदेखा किया कि पुलिस घटनास्थल पर 4 घंटे की देरी से पहुँची तब तक स्कूल प्रबंधन ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और सबूतों को नष्ट किया।

    गुलशन सहगल ने अपनी याचिका में कहा ग़ाज़ियाबाद पुलिस का रवैया असहयोगी और गैरपेशेवर है। कई ऐसे तथ्य थे जिन पर पुलिस को जांच करनी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने नही की। घटना के दिन स्कूल में आरोपी सुबह 3 बजे तक थे और सबूतों को नष्ट कर रहे थे। इस बात को गवाही स्कूल के आस पास रहने वाले लोग देने को तैयार हैं।

    कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज नियम के मुताबिक नही थे और कई वीडियो को डिलीट किया गया। कई लोगों के बयान अभी दर्ज करने है जैसे वो स्टॉफ जिसने फ्लोर को साफ किया, वो व्यक्ति जो स्कूल के मेडिकल रूम का इंचार्ज था, स्कूल के IT डिपार्टमेंट के जो सीसीटीवी फुटेज की जिम्मेदारी संभालते है।

    दरअसल इसी साल एक अगस्त की सुबह इंदिरापुरम के जीडी गोयनका स्कूल में छात्र अरमान की फर्श पर गिरने से मौत हो गई थी। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इंदिरापुरम थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। स्कूल के चेयरमैन, प्रधानाचार्य समेत चार ने गिरफ्तारी पर स्टे लेने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए पुलिस को जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। इसके साथ ही 6 सितंबर को हाईकोर्ट ने रोक को और बढा दिया।

    इस मामले में इंदिरापुरम पुलिस ने 304 यानी गैर इरादतन हत्या और 201 सबूत मिटाने की कोशिश का मामला दर्ज किया था। पिता ने इंदिरापुरम पुलिस पर आरोप लगाया है कि वो जांच सही ढंग से नहीं कर रही है। इस मामले में ये भी हो सकता है कि किसी ने बच्चे को धक्का दिया हो। यहां तक कि घटना के बाद स्कूल के सीसीटीवी भी बदल दिए गए। इसलिए मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए।

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