आसाराम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से पूछा, क्या है उनका "विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम"
LiveLaw News Network
10 Sept 2017 11:05 AM IST
हाई प्रोफाइल मामलों में गवाहों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा है कि एेसे गंभीर और हाईप्रोफाइल मामलों में गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या- क्या क़दम उठाये हैं ?
तथाकथित गुरु आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं मामले में गवाहों की सुरक्षा को लेकर दाखिल जनहित याचिका के दायरे को बढाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से पूछा है कि संवेदनशील और हाई प्रोफाइल मामलों में गवाहों को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए उनका विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम क्या है ?
केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल का पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है उसमें गवाहों की सुरक्षा को लेकर एक प्रोगाम बनाने की बात कही गई है इस लिए बेहतर होगा कि सभी राज्य सरकारों से इस मामले में जवाब मांगा जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को कहा है कि वो सभी राज्यों को पक्षकार बनाएं। कोर्ट ने सवाल भी उठाया कि अभी तक राज्यों ने विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम क्यों नहीं बनाया।
वहीं केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि गवाहों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। AG ने ASG पिंकी आनंद के सहयोग से दलील देते हुए ये भी कहा कि कि जस्टिस डिलीवरी सिस्टम को प्रभावी बनाने के लिए जरूरी है कि गवाहों को सुरक्षित रखा जाए ताकि वो ट्रायल के दौरान किसी डर में ना रहें।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट आसाराम मामले में मुख्य गवाह महिंदर चावला, रेप पीडित के पिता, मारे गए गवाह कर्मवीर सिंह के पिता और हत्या की कोशिश से बचे पत्रकार नरेंद्र यादव की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ताओं ने याचिका दाखिल कर आसाराम के खिलाफ नाबालिग से रेप मामले के 10 गवाहों पर हमले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत पांच राज्यों को अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। महिंदर चावला ने याचिका में गवाहों की सुरक्षा के लिए एक प्रोगाम बनाने की भी मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात और उत्तर प्रदेश सरकार को भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का आखिरी मौका दिया है। आसाराम बापू का केस इस मामले में जोधपुर में चल रहा है।
दरअसल गुजरात और राजस्थान में चल रहे रेप के दो मामलों के तीन गवाहों की हत्या हो चुकी है जबकि दर्जनभर पर हमला हो चुका है। चावला 2001 से 2005 तक आसाराम का निजी सहायक रह चुका है। मई 2015 में पानीपत में उस पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें वो बच गया था।