चुनाव सुधार को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ये तय करेगा कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी द्वारा अपने आपराधिक रिकार्ड समेत दूसरी जानकारियों के लिए हलफनामे में सबूत के तौर पर कागजात भी लगाने होंगे या नहीं। एेसी ही याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
वकील देवदत्त कामत के जरिए दाखिल इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि उम्मीदवार नामांकन के वक्त अापराधिक रिकार्ड, शैक्षणिक जानकारी और देनदारी संबंधी जानकारी के हलफनामे के साथ सबूत के तौर पर कागजात भी लगाएंयाचिका में ये भी कहा गया है कि अगर इस जानकारी संबंधी दस्तावेज नहीं लगाए जाते तो चुनाव अधिकारी हलफनामे की जानकारी को सत्यापित नहीं कर सकता जो चुनाव सुधार को लेकर कवायद में रुकावट पैदा करता है अगर जानकारी के साथ उसके कागजात होंगे तो सूचना गलत होने पर चुनाव अधिकारी नामांकन उसी वक्त रद्द कर सकता है। इसके अलावा अगर ये कदम उठाया जाता है तो मतदातों को भी अपने उम्मीदवारों के बारे में सही जानकारी मिलने में आसानी रहेगी। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने खेमचंद राजाराम कोश्ता की इसयाचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्यों ना आपराधिक रिकार्ड की जानकारी के साथ कागजात भी लगें चुनावी हलफनामे में ?
LiveLaw News Network
8 Sep 2017 8:44 AM GMT

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