मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने जूडिशियल ऑफिसरों को आगाह किया कि वह आपत्तिजनक कंटेट फेसबुक औऱ वाट्सएप पर न डालें

LiveLaw News Network

25 Aug 2017 4:31 PM GMT

  • मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने जूडिशियल ऑफिसरों को आगाह किया कि वह आपत्तिजनक कंटेट फेसबुक औऱ वाट्सएप पर न डालें

    मध्यप्रदेश हाई कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने जूडिशियल ऑफिसरों को इस बात की चेतावनी दी है कि अगर निचली अदालत के जूडिशियल ऑफिसर सोशल नेटवर्किंग साइट पर गंदे और आपत्तिजनक विडियो या फिर फोटोग्राफ डालने में संलिप्त हुए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    एमिडनिस्ट्रेशन ने उस बात पर संज्ञान लिया है कि कुछ जूडिशियल ऑफिसर्स आपत्तिजनक कंटेट वाट्सएप आदि पर पोस्ट कर रहे हैं। हाई कोर्ट प्रशासन ने इस मामले में जिला और सेशन को निर्देश जारी किया है। हाई कोर्ट ने सेशन और जिला जज को निर्देश जारी कर कहा है कि वह तमाम निचली अदालत के जजों को इस बात का निर्देश जारी करें कि वह डेकोरम का इस्तेमाल करें और जब भी लोगों के बीच जाएं तो गरिमा औऱ प्रतिष्ठा का खयाल करें। अगर कोई जूडिशियल ऑफिसर इस तरह की एक्टिविटी में संलिप्त पाया जाता है तो उस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस सत्येंद्र कुमार की ओर से इस मामले में जिला और सेशन जज को लेटर जारी किया है और इसक ेलिए 19 अक्टूबर 2016 के सर्कुलर का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि इस तरह के आपत्तिजनक कंटेट वाट्सएप और फेसबुक पर डालने से न सिर्फ जूडिशियरी की छवि खराब हो रही है बल्कि जज के व्यक्तिगत प्रतिष्ठा पर भी आंच आ रही है। इस तरह की गतिविधियों को सर्कुलर के जरिये रोका गया था।

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