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विदाई समारोह में बोले चीफ जस्टिस खेहर, जन्मभूमि, मातृभूमि और जननी को सलाम

विदाई समारोह मे चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने भारत, अपनी 95 साल की मां और जन्मभूमि केन्या का धन्यवाद दिया है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह में चीफ जस्टिस खेहर ने कहा " सब पूछते हैं कि मेरी माँ मुझे इतना प्यार कैसे करती है। पिछले महीने हमने उनका 95 व जन्मदिन मनाया। मैं उनका सम्मान करता हूं और मेरे लिए सब कुछ करने के लिए शुक्रिया। "
जस्टिस खेहर ने कहा "केन्या के मेरे शिक्षकों ने मेरे चरित्र और मूल्यों की नींव रखी। मैं अपनी जन्मभूमि केन्या के लिए गहरा आभार व्यक्त करता हूं। मैं अपने देश, मातृभूमि का आभारी हूं, जिसने मुझे इस देश के सबसे बड़े न्यायिक दफ्तर में सेवा करने का मौका दिया। जिस तरह से माता पिता का कर्ज नही चुका सकते, वैसे देश का कर्ज मैं भी नही चुका सकता। "
दरअसल चीफ जस्टिस खेहर 27 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं और 28 अगस्त को जस्टिस दीपक मिश्रा अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की शपथ लेंगे।
विदाई समारोह में जस्टिस खेहर ने पुरानी यादें भी सांझा की। उन्होंने कहा " जब मुझे हाई कोर्ट जज के तौर पर सैलरी मिली, तो वो मेरे पिता की पेंशन से भी कम थी। पिता ने मुझे बेहतर शिक्षा दी। उन्होंने मुझे असफलताओ को स्वीकार करना सिखाया। मेरे साथी कहते हैं कि मेरी सफलता के पीछे मेरे पिता हैं। "
जस्टिस खेहर ने कहा, " मैं जिस जेनेरेशन में पैदा हुआ, उसने सूचना क्रांति की कई उपलब्धियां देखी। एक जमाने में मोबाइल रखना बड़ी बात थी, उसके बाद कंप्यूटर आया, सॉफ्टवेयर आया। इस जेनरेशन में पैदा होने का अपना ये सुखद अनुभव है। पिछले आठ महीने मे SCBA ने जो काम किया, उसके लिए मैं आभारी हूं। पेपरलेस कोर्ट एक सपना नही बल्कि एक हकीकत हो जाएगी। "