वरिष्ठ वकीलों पर लगे 14 फीसदी सर्विस टैक्स के सारे मामलों की सुनवाई अब दिल्ली हाईकोर्ट को, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

LiveLaw News Network

18 Aug 2017 10:23 AM GMT

  • वरिष्ठ वकीलों पर लगे 14 फीसदी सर्विस टैक्स के सारे मामलों की सुनवाई अब दिल्ली हाईकोर्ट को, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

    वरिष्ठ वकीलों पर लगाए गए 14 फीसदी सर्विस टैक्स के सारे मामलों की सुनवाई अब दिल्ली हाईकोर्ट करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले दाखिल सारी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश जारी किए हैं।

    ये आदेश जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने जारी किए हैं। दरअसल 1 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन पर अंतरिम रोक लगा दी थी जिसमें वरिष्ठ वकीलों पर 14.5 फीसदी सर्विस टैक्स लगाया गया था।  जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आर के गाबा ने ये आदेश गुजरात हाईकोर्ट के 30 मार्च के अंतरिम आदेश पर समानता के आधार पर जारी किया था जिसमें सरकार के फैसले पर रोक लगाई गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 27 सितंबर तक जवाब मांगा था। याचिका में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन चुनौती देते हुए कहा गया है कि ये दोहरी टैक्स व्यवस्था होगी और ये फैसला मूल्य वर्धित कर व्यवस्था के सिद्धांत के खिलाफ है।

    शुक्रवार का ये आदेश हैरानी भरा है क्योंकि 23 जनवरी को जस्टिस कूरियन जोसफ और जस्टिस ए एम खानवेलकर ने एेसी ही याचिकाओं की सुनवाई को मंजूर करते हुए कहा था कि हाईकोर्ट में चल रहे सारे मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगा।

    इस मामले में केंद्र की ओर से पेश SG रंजीत कुमार ने जस्टिस लोकुर की बेंच को कहा कि ये बेहतर होगा कि इन सारी याचिकाओं पर एक ही जगह सुनवाई हो जिससे असमंजस ना हो क्योंकि अलग अलग मामलों में हाईकोर्ट ने अलग फैसले दिए हैं। एेसी ही याचिका आंध्र प्रदेश, कलकत्ता, गुजरात और इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किए गए हैं।

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