मुंबई की हाजी अली दरगाह इलाके में सौंदर्यीकरण का काम 31 दिसंबर तक शुरु हो, सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को निर्देश

LiveLaw News Network

14 Aug 2017 12:08 PM GMT

  • मुंबई की हाजी अली दरगाह इलाके में सौंदर्यीकरण का काम 31 दिसंबर तक शुरु हो, सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र सरकार को निर्देश

    मुंबई की हाजी अली दरगाह के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कहा है कि सौंदर्यीकरण को लेकर कलेक्टर सभी विभागों की तीन सितंबर को बैठक करे और इस साल 31 दिसंबर तक सौंदर्यीकरण का प्रोजेक्ट शुरु हो।सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये भी कहा कि कोर्ट केस की वजह से इलाके में अतिक्रमण करने वाली  दुकानों के मामले को लेकर संबंधित कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रखें। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इलाके में बनी किनारा मस्जिद के नियमित करने को लेकर फैसला करने का वक्त 31 अक्टूबर तक बढा दिया है।

    वहीं सरकार की ओर से पेश वकील निशांत कातनेश्वरकर ने चीफ जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दरगाह के आसपास से कई अतिक्रमण हटाए गए हैं लेकिन कुछ दुकानों के हटाने पर कोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। वहीं किनारा मस्जिद के नियमित करने के मुद्दे पर राज्य सरकार को कुछ वक्त और चाहिए।

    दरअसल मुंबई की हाजी अली दरगाह के आसपास  अतिक्रमण का मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पिछली सुनवाई में  सुप्रीम कोर्ट ने आदेशों में संशोधन करते हुए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो एक हफ्ते में ये फैसला करे कि किनारा मस्जिद को नियमित किया जा सकता है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर फैसला खिलाफ भी जाता है तो कोई भी पक्ष तोडफोड का विरोध नहीं करेगा।  हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिद को हटाने संबंधी आदेश में संशोधन करने की गुहार लगाई थी। ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि महाराष्ट्र सरकार के सामने अतिक्रमण हटाने के मामले में किनारा मस्जिद शामिल नहीं थी क्योंकि वो सरकारी जमीन पर नहीं है। किनारा मस्जिद के नियमित करने का मुद्दा राज्य सरकार की बनाई कमेटी के पास विचाराधीन है।  इसलिए मस्जिद को तोडफोड के दायरे से बाहर रखा जाए और कमेटी को मामले को चार हफ्ते के भीतर निपटारा करने का निर्देश दिया जाए।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को कहा था कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलाके से अतिक्रमण हटाया जाए। कोर्ट ने सरकार से कहा कि हमने पहले भी यही कहा था लेकिन लगता है कि आप कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना चाहते।  आपको इलाके से अतिक्रमण हटाना ही होगा।  इलाके में किसी को भी कोई कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है।
    दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि इलाके में अतिक्रमण हटाने की कारवाई के दौरान कानून व्यवस्था के बिगडने की आशंका है क्योंकि इसी इलाके में किनारा मस्जिद भी है।

    तीन जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दो हफ्ते में दरगाह के आसपास 908 वर्ग मीटर इलाके मे अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो गंभीर परिणाम होंगे। महाराष्ट्र सरकार को कहा कि दरगाह के आसपास सौंदर्यीकरण करना जरूरी है।हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सुप्रीम कोर्ट भी आदेश जारी कर दिए हैं तो आपको ये करना होगा इससे पहले दरगाह ट्रस्ट ने अतिक्मण हटाया था लेकिन अभी भी इलाके में अतिक्रमण बचा है। अब दरगाह ने इसे हटाने में असमर्थता जताई है तो सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है।

    मुंबई की हाजी अली दरगाह इलाके में अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वहीं दरगाह ट्रस्ट ने एक सौंदर्यीकरण योजना कोर्ट में सौंपी है।  इससे पहले सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि दरगाह के पास 737 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटेंगे और दरगाह ट्रस्ट खुद ही अतिक्रमण हटाएगा।  सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह ट्रस्ट को खुद ही अतिक्रमण हटाने की इजाजत दी थी।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दरगाह ट्रस्ट 8 मई तक खुद ही कब्जे खुद हटाए  हालांकि कोर्ट ने कहा था कि  171 वर्ग मीटर में बनी मस्जिद में तोडफोड नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर तोडफोड के लिए बनी स्पेशल टास्क फोर्स के तोडफोड कारवाई पर रोक लगा दी थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट को हाजी अली के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं को बढाने के लिए योजना बनाकर देने को हरी झंडी दिखाई थी।  सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मुद्दे पर कोई भी अन्य कोर्ट कोई आदेश जारी नहीं करेगी। किसी पक्षकार को दिक्कत है तो वो सुप्रीम कोर्ट आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में पक्षकारों को नोटिस जारी किया था।

    दरअसल 22 मार्च 2017 को बोंबे हाईकोर्ट ने यहां 908 वर्ग मीटर इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में CJI खेहर की बेंच ने कहा कि वो 908 मीटर में से 171 वर्ग मीटर इलाका जिसमें मस्जिद है, उस पर तोडफोड से रोक लगा देंगे.  लेकिन ट्रस्ट ये सुनिश्चित करे कि बाकी अतिक्रमण को हटाने में वो अथारिटी की मदद करेगा। मस्जिद को लेकर वो बाद में सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाजी अली के पास काफी अतिक्रमण है और ये सिर्फ दुकानें हैं।  लोगों को दरगाह तक पहुंचने में दिक्कत होती है।  कोर्ट ने कहा था कि धर्म के लोगों को अतिक्रमण हटाने की कारवाई में सहयोग करना चाहिए जबकि दरगाह ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं हैं। ये मस्जिद काफी पुरानी है और 1931 से लीज उसके पास है। हाईकोर्ट के इलाके में तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।

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