18 सितंबर तक रजिस्ट्री में 10 करोड रुपये जमा कराए सुपरेटक, सुप्रीम कोर्ट का एमरेल्ड कोर्ट मामले में आदेश

LiveLaw News Network

14 Aug 2017 12:03 PM GMT

  • 18 सितंबर तक रजिस्ट्री में 10 करोड रुपये जमा कराए सुपरेटक, सुप्रीम कोर्ट का एमरेल्ड कोर्ट मामले में आदेश

    सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट मामले में सुनवाई करते हुए सुपरटेक को 18 सितंबर तक 10 करोड रुपये रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए हैं।

     सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने ये भी टिप्पणी की कि ये बिल्डरों की ये रणनीति होती है कि निवेशकों को जल्द पैसा वापस ना लौटाए क्योंकि वो समझते हैं कि सारे निवेशक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं करेंगे।

    कोर्ट ने कहा कि इस रुपये से निवेशकों को मूलधन वापस होगा जबकि निवेशकों को  मुआवजा दिलाने पर बाद में विचार किया जाएगा।

    वहीं सुपरटेक की ओर से कहा गया कि वो पहले ही दस करोड रुपये जमा करा चुके हैं इसलिए इस बार पांच करोड रुपये जमा कराएं जाएं। लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना.

    दरअसल नोएडा की 40 मंजिला टावर इमरेल्ड कोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध घोषित कर गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी और टावर को सील करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था।

    पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीन जनवरी तक सुपरटेक को दस करोड रुपये रजिस्ट्री में जमा करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो खरीदार फैसला आने तक इंतजार नहीं करना चाहते और रिफंड चाहते हैं, वो भ्रम में क्यों रहे? वहीं  NBCC ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सील बंद रिपोर्ट सौंपी थी। कोर्ट  ने कहा था कि अगली सुनवाई पर NBCC के अफसर भी कोर्ट में  मौजूद रहे  और बताएं  कि क्या टावरों का निर्माण नियमों के मुताबिक है या नहीं?

    सुप्रीम कोर्ट ने NBCC यानी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन को चार हफ्ते के भीतर टावरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे।कोर्ट ने कहा था कि NBCC बताए कि एमरेल्ड कोर्ट के निर्माण में नियमों का पालन किया गया है या नहीं।  रिपोर्ट में बताएं कि क्या दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी रखी गई है या नहीं ? इसके बाद NBCC ने सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी नहीं है।

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