सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दो टूक कहा, सीबीआई जांच में शामिल हुए बिना नहीं जा सकते विदेश

LiveLaw News Network

14 Aug 2017 11:45 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दो टूक कहा, सीबीआई जांच में शामिल हुए बिना नहीं जा सकते विदेश

    सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दो टूक कह दिया है कि सीबीआई जांच में शामिल हुए बिना वो देश से बाहर नहीं जा सकते। उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर फिर से प्रभावी हो गया है और वो अब विदेश नहीं जा पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के लुक आउट सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश पर 18 अगस्त तक स्टे लगा दिया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम से कहा है कि आप सीबीआई जांच में शामिल होने से पहले विदेश नहीं जा सकते। आपके पास दो विकल्प हैं कि वो CBI जांच में कब शामिल हों और विदेश जाएं या फिर मद्रास हाईकोर्ट में FIR को रद्द करने के मामले में फैसले का इंतजार करें। अगर फैसला आपके पक्ष में आए तो आप आराम से विदेश जा सकते हैं।

    कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आपको गिरफ्तारी का डर नही है अगर होता तो आप पहले अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल करते न कि FIR को रद्द करने की।सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपने जांच में सहयोग नही किया। आप जांच एजेंसी के पास जाए और उनके सवालों का जवाब दे उसके बाद आप विदेश जा सकते है।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर नहीं हैं कि आप सही हैं या गलत लेकिन हम ये मानते हैं कि आपको जांच में सहयोग करना चाहिए। चीफ जस्टिस खेहर ने कहा कि कई मामले में जिसमें हमनें आरोपी को विदेश जाने की इजाजत दे दी और फिर वो देश में वापस आया ही नही।वो भी बडे सम्मानित व्यक्ति थे।  हमने कई गलतियां की हैं लेकिन अब और नहीं करना चाहते। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 18 अगस्त कोकरेगा।

    वहीं सीबीआई की ओर से कहा गया कि ये कदम किसी की छवि खराब करने की नहीं है बल्कि ये सुनिश्चित करने की है कि वो जांच में शामिल हों। सुनवाई में CBI ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। LOC का मतलब ये नहीं है कि कार्ति को जेल में ठूस दिया जाएगा। ये इसलिए किया गया कि वो जांच होने तक देश ना छोडें।  मद्रास हाईकोर्ट ने LOC पर अतरिम रोक लगाई लेकिन  हाईकोर्ट के अधिकारक्षेत्र में नहीं है क्योंकि ये FIR दिल्ली में दर्ज की गई थी।

    सुनवाई के दौरान CJI खेहर ने ASG तुषार मेहता को कहा कि पहसे एेसा ही लगा जैसे सीबीआई कार्ति को जेल में ठूस देगी।

    वहीं कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनका देश छोडकर जाने का कोई इरादा नहीं है। पहली बार जब सीबीआई ने नोटिस भेजा तो 29 जून को वो विदेश में थे और। दूसरी बार 21 जुलाई को वो हाईकोर्ट में पेश हुए थे जहां सीबीआई के जांच अफसर भी मौजूद थे।

    सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट के लुक आउट नोटिस पर अतरिम रोक लगाने के मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था।

    गौरतलब है कि 10 अगस्त को मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी अदालत ने केंद्र सरकार से चार सितंबर के बाद इस मामले में जवाब देने को कहा है। आइएनएक्स मीडिया मामले में गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी और आव्रजन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ 16 जून को नोटिस जारी किया था। कार्ति ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में लुक आउट नोटिस रद करने की मांग की और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सीबीआई द्वारा जारी हर समन पर वे हाजिर हुए हैं। ऐसे में नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं था। यह मामला आइएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा हुआ है। उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।

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