सहमति से संबंध को ब्रेकअप के बाद रेप में बदल देती हैं महिलाएंः दिल्ली हाई कोर्ट

LiveLaw News Network

31 July 2017 1:35 PM GMT

  • सहमति से संबंध को ब्रेकअप के बाद रेप में बदल देती हैं महिलाएंः दिल्ली हाई कोर्ट

    दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि सहमति से शारीरिक संबंध को ब्रेकअप के बाद रेप बनाती है महिलाएं

    दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी की है कि कई महिलाएं रेप कानून को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। सहमति से शारीरिक संबंध को ब्रेकअप के बाद झुंझुलाहट में बलात्कार का रूप दे देती हैं। इसे शादी का वादा करके संबंध बनाने के मामला बताकर रेप का केस दर्ज कराती हैं।

    हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा रानी ने कहा कि रेप और शादी वादा कर संबंध बनाने के मामले को अलग किया जाना जरूरी है। हाई कोर्ट ने एक महिला की अर्जी खारिज करते हुए उक्ट टिप्पणी की। महिला ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया था। आरोपी की लिवइन पार्टनर ने आरोप लगाया था कि शादी का वादा कर संबंध बनाए गए थे। निचली अदालत से आरोपी को बरी कर दिया गया था जिसके खिलाफ महिला ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। ट्रायल कोर्ट ने मार्च 2016 में आरोपी को बरी किया था।

    आरोपी को तब बरी किया गया जब महिला ने खुद बयान दिया था कि कुछ गलतफहमी के कारण उसने रेप का इल्जाम लगाया था। महिला ने यहां तक कि एफआईआर रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अर्जी स्वीकार नहीं हुई तब कोर्ट में बयान दिया कि शारीरिक संबंध सहमति से था और अब वह शादी कर चुकी है। इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था।

    बाद में महिला ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि उसे आरोपी ने अपने फेवर में बयान देने के लिए मजबूर किया था। दोनों की दोस्ती फेसबुक पर 2013 में हुई थी। लेकिन महिला की अर्जी जस्टिस प्रतिभा रानी ने खारिज कर दी।

    हाई कोर्ट ने कहा कि ये मामला दबाव में बयान का नहीं है क्योंकि महिला ने उससे पहले एफआईआऱ रद्द करने केलिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था। महिला परिपक्व लेडी है और 27 साल की है। आरोपी के साथ दोस्ताना रिलेशन था। आऱोप के मुताबिक शादी का वादा करने पर संबंध की उसने सहमति दी थी। याचिका में कहा गया है कि 29 नवंबर 2015 को दोनों की शादी भी हुई थी। ऐसे में महिला ये नहीं कह सकती है कि उसके बयान को गलत समझा गया और आऱोपी को बरी कर दिया गया।

    अदालत ने कहा है कि कई बार कई केसों में देखने को मिलता है कि महिलाएं अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाती हैं और जब रिलेशनशिप में ब्रेकअप हो जाता है तो महिलाएं कानून को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती हैं। हो सकता है कि ये सब झुंझलाहट में होता है और सहमित के संबंध रेप के आरोप में बदल जाते हैं। एेसे में एक सीधी रेखा से दोनों मामलों को अलग करना होगा कि रेप और शादी का वादा कर संबंध बनाने के मामले को अलग किया जाना चाहिए।

    Next Story