खराब अंग्रेजी के प्रयोग के कारण सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया हाईकोर्ट का फैसला

LiveLaw News Network

31 May 2017 2:37 PM GMT

  • खराब अंग्रेजी के प्रयोग के कारण सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया हाईकोर्ट का फैसला

    हाई कोर्ट की खराब अंग्रेजी के कारण सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और केस वापस हाई कोर्ट को भेज दिया है।

    सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हिमाचल हाईकोर्ट के एक फैसले को रद्द कर दिया क्योंकि इस फैसले में हाईकोर्ट ने काफी पेचीदा अंग्रेजी का प्रयोग कर रखा था।

    न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि वकील की दलीलें सुनने के बाद यह पाया गया है कि इस फैसले के तथ्यों को समझना संभव नहीं है।इसलिए हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को रद्द किया जाता है और इस मामले को फिर से हाईकोर्ट के पास विचार करने के लिए भेजा जा रहा है। ताकि केस की मैरिट के हिसाब से इस पर फिर से विचार किया जा सके।

    इस मामले में घर खाली करवाने का एक विवाद शामिल है। मकान मालिक ने अपने किराएदार के खिलाफ नवम्बर 1999 में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि वह किराए का पैसा नहीं दे रहा है।मकान मालिक को अपना घर वापिस पाने का वारंट दिसम्बर 2011 में मिल गया था। परंतु इस वारंट को आंशिक तौर पर लागू किया गया और संपत्ति का वह हिस्सा खाली करवा दिया गया,जिसमें किराएदार दुकान चलाता था।

    दिसम्बर 2016 में हाईकोर्ट ने किराएदार के हक में फैसला देते हुए उसको घर से निकालने के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मकान मालिक को किराए का पैसा मिल गया। जिस कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।

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