आईटीएटी ने ’प्रोपेगेशन आॅफ योगा’ को माना मेडिकल रिलिफ,बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ को मिली बड़ी राहत
LiveLaw News Network
5 April 2017 11:47 AM IST
दिल्ली की इनकम टैक्स अॅपीलेट ट्रिब्यूनल(आई.टी.ए.टी) ने बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 11 व 12 के तहत छूट देते हुए ’प्रोपेगेशन आॅफ योगा’ को मेडिकल रिलिफ (स्वास्थ्य राहत)माना है।
आयुक्त के आदेश को चुनौती देते हुए अॅपीलेट के समक्ष दलील दी गई थी कि यह मानना गलत है कि योगपीठ में ’प्रोपेगेशन आॅफ योगा’ से संबंधित की जाने वाली गतिविधि मेडिकल रिलिफ या शिक्षा देने के तहत नहीं आती है। आयुक्त ने इन गतिविधियों को एक्ट की धारा 2(15) के तहत जनरल पब्लिक यूटिलिटी (आम जन उपयोगी)वाली माना था।
परंतु अब अॅपीलेट ने कहा है कि ’प्रोपेगेशन आॅफ योगा’ के कुछ पूर्व उद्देश्य है जो एक्ट की धारा 2(15) के तहत ’चैरिटेबल पर्पस’ के तहत आते हैं; इतना ही नहीं इसके तहत शिक्षा भी दी जा रही है। इतना ही नहीं वित एक्ट 2015 के तहत योगा को एक्ट की धारा 2(15) के तहत दी गई ’चैरिटेबल पर्पस’ की परिभाषा में शामिल कर दिया है,जो 1 अप्रैल 2016 से लागू हो गया है। इससे वह सभी संदेह दूर हो गए हैं कि 56 योगा के प्रोपेगेशन अब अपने आप में ’चैरिटेबल पर्पस’ में आते है। ऐसे में कोई भी संस्था इसके लिए एक्ट की धारा 11 व 12 के तहत छूट मांग सकती है।
बेंच ने कर निर्धारिती अधिकारी के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि एक्ट की धारा 11 व 12 के तहत स्वेच्छिक तौर पर इस काम के लिए मिले दान या चंदे को छूट देने से मना नहीं किया जा सकता है। हमारा मानना है कि इस तरह मिले पैसे को आय नहीं माना जा सकता है। वही इससे ऐसी प्राप्त कैपिटल बनती है,जिस पर टैक्स देय नहीं है। वहीं आरोप है कि कर निर्धारिती ने एक्ट की धारा 11(1)(सी) का उल्लंघन करके भारत के बाहर भी काफी गतिविधि की है,हमारी नजर में वह आरोप भी मान्य नहीं है।