नेताजी सुभाष चंद्र बोस को 'राष्ट्रीय पुत्र' घोषित करने और उनसे जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका
Amir Ahmad
23 Jan 2025 10:48 AM

नेताजी सुभाष चंद्र बोस को राष्ट्रीय पुत्र घोषित करने और उनसे जुड़ी खुफिया ब्यूरो (IB) के दस्तावेजों सहित गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने के साथ ही उन्हें सार्वजनिक करने की मांग के साथ उड़ीसा हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई।
पिनाकपानी मोहंती नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में नेताजी के जन्मदिन (23 जनवरी) को राष्ट्रीय दिवस और कटक में उनके जन्मस्थान संग्रहालय को राष्ट्रीय संग्रहालय घोषित करने की भी मांग की गई। याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार को सत्ता हस्तांतरण समझौता 1947 और मुखर्जी आयोग की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का निर्देश देने की भी मांग की।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1945 में नेताजी बोस के कथित संदिग्ध लापता होने की जांच के लिए वर्ष 1999 में बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मनोज कुमार मुखर्जी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया। याचिका पर बुधवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस अरिंदम सिन्हा और जस्टिस मृगांका शेखर साहू की खंडपीठ ने सुनवाई की।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उन्होंने पहले भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यही राहत मांगी थी, जिन्होंने उचित कार्रवाई के लिए इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह के संदर्भ के बावजूद संबंधित मंत्रालय ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
याचिकाकर्ता ने मंत्रालय की निष्क्रियता को दर्शाने वाला ज्ञापन प्रस्तुत करने की मांग की, जिसे न्यायालय ने अलग से कार्रवाई का कारण बताते हुए अस्वीकार कर दिया। न्यायालय ने केंद्र सरकार के लिए भारत के उप-सॉलिसिटर जनरल और राज्य सरकार के अतिरिक्त सरकारी वकील को अपना रुख बताते हुए अपने-अपने हलफनामे दाखिल करने की अनुमति दी।
अब मामले की सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।