रथ यात्रा के दौरान बनाई गई अस्थायी दुकानों को किसी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट
Amir Ahmad
10 July 2024 1:04 PM IST
उड़ीसा हाईकोर्ट ने पुरी नगर पालिका को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रथ यात्रा के दौरान बनाई गई अस्थायी दुकानें बड़ा डंडा (भगवान जगन्नाथ का भव्य मार्ग) पर अतिक्रमण न करें और साथ ही उन दुकानों में कोई व्यावसायिक गतिविधि न की जाए।
नगर निकाय को आदेश जारी करते हुए चीफ जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस सावित्री राठो की खंडपीठ ने कहा,
“पुरी नगर पालिका की ओर से बनाई जाने वाली अस्थायी दुकानें किसी भी तरह से बड़ा डंडा पर अतिक्रमण नहीं करेंगी और किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के लिए उपयोग नहीं की जाएंगी। पुरी नगर पालिका दिनांक 04.06.2024 के पत्र में निहित नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन करेगी।”
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 10 जून, 2024 के कोटेशन कॉल नोटिस को चुनौती दी गई। इसके तहत पुरी नगर निगम ने बड़ाशंखा से गुंडिचा मंदिर (ग्रैंड रोड के दोनों ओर) तक अस्थायी स्टॉल लगाने के लिए इच्छुक व्यक्तियों/एजेंसियों से सीलबंद कोटेशन मांगे।
सुनवाई के दौरान पीठ का ध्यान जितेन्द्र किशोर साहू बनाम ओडिशा राज्य मामले में न्यायालय द्वारा 30.06.2016 को दिए गए आदेश की ओर आकर्षित किया गया, जिसमें न्यायालय ने नगर निकाय से वचन स्वीकार किया, जिसमें उसने बड़ा डंडा पर स्थायी या अस्थायी दुकानों के निर्माण के लिए लाइसेंस न देने की शपथ ली। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 203 घोषित किया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पीके रथ ने तर्क दिया कि पिछले घटनाक्रम के बावजूद नगर पालिका ने रथ यात्रा-2024 के दौरान अस्थायी दुकानों के निर्माण के लिए कोटेशन आमंत्रित किए हैं।
उन्होंने जोरदार ढंग से कहा कि अस्थायी दुकानों की अनुमति देने से न केवल जनता और यातायात को बाधा पहुंचेगी बल्कि भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा के दिव्य रथों की मुक्त आवाजाही में भी बाधा उत्पन्न होगी।
सीनियर एडवोकेट ने न्यायालय को यह भी बताया कि पुरी नगर पालिका के पत्र के अनुसार अधीक्षण अभियंता, एनएच डिवीजन, भुवनेश्वर ने राजस्व सृजन के लिए ग्रैंड रोड पर अस्थायी स्टॉल लगाने की अनुमति दी है, जिसमें वाणिज्यिक स्टॉल पर प्रतिबंध और यातायात के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने सहित कुछ शर्तें शामिल हैं।
हालांकि, नगर निकाय ने आरोपों से इनकार किया और स्पष्ट किया कि वाणिज्यिक गतिविधियों को चलाने के उद्देश्य से कोई भी स्टॉल नहीं लगाया जाएगा। इसने आगे स्पष्ट किया कि स्टॉल लगाने का उद्देश्य केवल राजस्व उत्पन्न करना है।
दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2002 के नियंत्रण की धारा 24 और 38 का उल्लेख किया, जो क्रमशः राजमार्ग भूमि पर कब्जे की रोकथाम और राजमार्ग भूमि पर निर्माण की रोकथाम का प्रावधान करते हैं।
प्रावधानों को पढ़ने के बाद न्यायालय का विचार था कि एनएचएआई द्वारा अस्थायी स्टॉल के निर्माण के लिए अनुमति दी जा सकती है, इसके द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अधीन।
तदनुसार, न्यायालय ने कोटेशन कॉल नोटिस को रद्द करने से इनकार किया, लेकिन उसने रिट याचिका का निपटारा इस निर्देश के साथ किया कि नगर पालिका द्वारा बनाई गई अस्थायी दुकानें ग्रैंड रोड पर अतिक्रमण नहीं करेंगी और उनका उपयोग किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के लिए नहीं किया जाएगा।
केस टाइटल- रजत कुमार साहू बनाम ओडिशा राज्य और अन्य।