BNS बेयर एक्ट बार लाइब्रेरी को उपलब्ध कराएं: उड़ीसा हाईकोर्ट ने स्थगन लिए रखी शर्त
Amir Ahmad
6 July 2024 1:10 PM IST
उड़ीसा हाईकोर्ट ने कुछ पक्षों को इस शर्त पर स्थगन दिया कि उन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS) के बेयर एक्ट की प्रति बार लाइब्रेरी को उपलब्ध करानी होगी।
डॉ. जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्रही कुछ आपराधिक पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। ऐसे ही मामले में बुलाए जाने के बावजूद विपक्षी पक्ष यानी 'बालासोर सदर सब डिविजनल हाउसिंग बिल्डिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, बालासोर की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ।
न्यायाधीश ने विपक्षी पक्ष को अंतिम अवसर प्रदान किया तथा अल्टीमेटम दिया कि यदि वह अगली तिथि पर उपस्थित नहीं होता है तो उसे BNS के बेयर एक्ट की कॉपी उड़ीसा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की लाइब्रेरी को उपलब्ध करानी होगी।
न्यायाधीश ने कहा,
“न्याय के हित में विपक्षी पक्ष को इस मामले में सूचीबद्ध होने की अगली तिथि पर उपस्थित होने का अंतिम अवसर प्रदान किया जाता है, ऐसा न करने पर उसे भारतीय न्याय संहिता, 2023 (दंड संहिता पर ए.आई.आर. के बेयर एक्ट) की एक प्रति उड़ीसा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, कटक, उड़ीसा के पुस्तकालय को देने का दंड दिया जाएगा।”
अन्य मामले में इसी प्रकार याचिकाकर्ता शिवानंद चौधरी की ओर से स्थगन मांगा गया था।
जस्टिस पाणिग्रही ने हालांकि इसे मंजूरी दे दी, लेकिन BNS के बेयर एक्ट की कॉपी हाईकोर्ट बार लाइब्रेरी को उपलब्ध कराने की शर्त पर।
01 जुलाई, 2024 को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमशः पिछले आपराधिक कानूनों भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली।
दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस पाणिग्रही राहत देने के लिए अनोखी शर्तें रखने के लिए जाने जाते हैं। वे पहले भी कुछ मामलों में जमानत देने के लिए पेड़ लगाने की शर्त रखने के लिए चर्चा में रहे हैं।