तमिलनाडु के कैथोलिक चर्च पैरिश में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाने वाली दलित ईसाइयों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

Amir Ahmad

1 March 2025 5:54 AM

  • तमिलनाडु के कैथोलिक चर्च पैरिश में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाने वाली दलित ईसाइयों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु के कुंभकोणम कैथोलिक डायोसीज के कोट्टापलायम पैरिश से संबंधित दलित कैथोलिक ईसाई समुदाय के सदस्यों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चर्च में प्रमुख कैथोलिक ईसाइयों द्वारा अस्पृश्यता और जाति-आधारित भेदभाव की प्रथा का आरोप लगाया गया।

    यह तर्क दिया गया कि प्रचलित अमानवीय अस्पृश्यता और जाति-आधारित भेदभाव की पारंपरिक प्रथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15(1) और (2) (ए), (बी), 17, 19 (1) (ए), 21 और 25 का उल्लंघन करती है।

    याचिकाकर्ताओं के अनुसार उन्होंने कोट्टापलायम पैरिश क्षेत्र के भारतीय रोमन कैथोलिक चर्च में व्याप्त जातिगत अत्याचारों और अन्य संबंधित मुद्दों के उन्मूलन के लिए राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों, स्थानीय कैथोलिक चर्च अधिकारियों आदि से संपर्क किया था।

    दलित ईसाइयों ने कहा है कि उन्हें जातिगत भेदभाव के बिना अपने मृतकों को दफनाने के लिए बड़े कब्रिस्तान का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने सभी के लिए एक सामान्य शव वाहक/अंतिम संस्कार गाड़ी का उपयोग करने की भी मांग की। यह भी कहा गया कि उन्हें अपने प्रियजनों के शवों को अंतिम संस्कार प्रार्थना करने के लिए प्रमुख समूहों के समान मुख्य पैरिश चर्च में लाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि भेदभावपूर्ण प्रथाओं को तभी समाप्त किया जा सकता है, जब दलित कैथोलिक ईसाइयों के कुछ प्रतिनिधियों को पैरिश चर्च काउंसिल और चर्च पुनर्निर्माण निधि संग्रह समिति में चुना जाए। यह तर्क दिया जाता है कि जाति-संबंधी भेदभाव के कारण उन्हें समान रूप से नहीं चुना जाता है।

    उन्हें बिना किसी भेदभाव के हर साल पैरिश चर्च का कार उत्सव आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

    एसएलपी मद्रास हाईकोर्ट के 30 अप्रैल, 2024 के आदेश के खिलाफ दायर की गई है, जिसके तहत हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को लेना होता है। हालांकि याचिकाकर्ताओं ने पहले ही एक प्रतिनिधित्व कर दिया।

    जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने 21 फरवरी को नोटिस जारी किया।

    केस टाइटल: जे. डॉस प्रकाश और अन्य. एस. बनाम कलेक्टर और अन्य| डायरी नंबर 4338/2025

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