रेणुकास्वामी हत्याकांड में एक्टर दर्शन की जमानत के खिलाफ कर्नाटक पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
Amir Ahmad
24 Jan 2025 9:52 AM

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सह-आरोपी की जमानत याचिका पर दर्शन को दी गई जमानत के आधार पर फैसला नहीं किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें रेणुकास्वामी हत्याकांड में अभिनेता दर्शन को जमानत देने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई।
कर्नाटक राज्य की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने शुरू में कहा,
"यह उन परेशान करने वाले मामलों में से एक है, जहां कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूरे मामले को पूरी तरह से सफेद कर दिया है। कृपया देखें कि इस व्यक्ति को किस तरह की यातना दी गई यह काफी परेशान करने वाला है। उसे दिनदहाड़े उठा लिया गया।"
लूथरा ने जोर देकर कहा कि इस मामले में सह-आरोपी को निष्कर्षों का लाभ उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि वह आदेश के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाएगी, क्योंकि यह जमानत रद्द करने के बराबर होगा लेकिन फिर भी निर्देश दिया कि कर्नाटक हाईकोर्ट के निष्कर्षों पर भरोसा नहीं किया जाएगा।
न्यायालय ने आदेश दिया,
"राज्य जमानत रद्द करने की प्रार्थना करता है। हाईकोर्ट ने कुछ अभियुक्तों को जमानत देने का एक लंबा फैसला सुनाया। राज्य द्वारा आज व्यक्त की गई आशंका यह है कि अन्य सह-अभियुक्तों को हाईकोर्ट द्वारा दर्ज किए गए निष्कर्ष का लाभ लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जो अब हमारे समक्ष चुनौती का विषय है। चूंकि राज्य जमानत रद्द करने की प्रार्थना कर रहा है, इसलिए हमारे लिए आदेश के संचालन पर रोक लगाना उचित नहीं होगा, क्योंकि यह जमानत रद्द करने के बराबर होगा। फिर भी अभियोजन पक्ष के हितों की रक्षा के लिए हम केवल यह स्पष्ट कर सकते हैं कि यदि अन्य सह-अभियुक्त जमानत के लिए प्रार्थना करते हैं, तो संबंधित न्यायालय हमारे समक्ष दिए गए आदेश पर भरोसा नहीं करेगा। हालांकि, यदि किसी सह-अभियुक्त द्वारा कोई जमानत आवेदन दायर किया जाता है तो उस पर उसके गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।"
चार्जशीट के अनुसार दर्शन अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को अश्लील संदेश भेजने पर अपने 33 वर्षीय 'प्रशंसक' की हत्या में शामिल था।
दर्शन ने कथित तौर पर मृतक को चित्रदुर्ग से अगवा किया और जून 2024 में बेंगलुरु के एक शेड में तीन दिनों तक उसे प्रताड़ित किया था।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार बाद में मृतक ने दुर्व्यवहार के कारण दम तोड़ दिया और उसका शव नाले में फेंक दिया गया।
आरोपी दर्शन, पवित्रा, अनु कुमार, लक्ष्मण एम, वी विनय, जगदीश, प्रदूष एस राव और नागराजू आर ने सत्र न्यायालय द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद हाईकोर्ट में जमानत की मांग की थी।
इससे पहले न्यायालय ने केशवमूर्ति को जमानत दी थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 30 अक्टूबर को सर्जरी कराने के लिए दर्शन को अंतरिम मेडिकल जमानत पर रिहा कर दिया।
टाइटल: कर्नाटक राज्य बनाम दर्शन, एसएलपी (सीआरएल) संख्या 516-522/2025