जजों पर वस्तु फेंकना और चिल्लाना निंदनीय: AG ने वकील के खिलाफ अवमानना कार्रवाई को दी मंज़ूरी
Amir Ahmad
16 Oct 2025 3:12 PM IST

अटॉर्नी जनरल (AG) आर. वेंकटरमणि ने एडवोकेट राकेश किशोर के खिलाफ न्यायालय की अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दी, जिन्होंने 6 अक्टूबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी.आर. गवई पर कथित तौर पर जूता फेंकने का प्रयास किया था।
AG ने सीनियर एडवोकेट विकास सिंह को आपराधिक अवमानना याचिका दायर करने की सहमति देते हुए अपने पत्र में कहा कि जजो पर लक्षित कोई भी वस्तु फेंकना या फेंकने का प्रयास करना या कार्यवाही के संचालन में दोष निकालने के लिए जजों पर चिल्लाना निंदनीय कृत्य माना जाएगा।
AG ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के पास न्यायालय को अपमानित करने का कोई कारण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राकेश किशोर द्वारा कथित तौर पर दिए गए कारण भी ऐसे निंदनीय आचरण को न्यायोचित नहीं ठहरा सकते।
AG ने जोर देकर कहा,
"ऐसे कृत्य न्यायालय की गरिमा और स्वयं कानून के शासन के लिए एक गंभीर अपमान हैं। रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से मैं पाता हूं कि राकेश किशोर ने अपने बाद के बयानों से यह दर्शाया है कि उन्हें अपने आचरण पर कोई पश्चाताप नहीं है।"
AG ने कहा कि किशोर के कृत्य न केवल निंदनीय हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की गरिमा और अधिकार को ठेस पहुँचाने की नीयत से किए गए । इस तरह का व्यवहार न्याय वितरण प्रणाली की नींव पर हमला करता है और इसमें न्यायपालिका विशेषकर सुप्रीम कोर्ट में जनता के विश्वास को कम करने की स्पष्ट प्रवृत्ति है।
अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने मांगी थी। यह अवमानना अवमानना न्यायालय अधिनियम, 1971 के तहत शुरू की गई है।
AG की सहमति के बाद सिंह ने जस्टिस सूर्यकांत की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया, जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अवमानना कार्रवाई का समर्थन किया।
कोर्ट ने हालांकि मामले को दीवाली की छुट्टियों के बाद सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की लेकिन यह भी पूछा कि क्या इस मुद्दे को सोशल मीडिया चर्चाओं के लिए फिर से जीवित किया जाना चाहिए यह देखते हुए कि CJI ने स्वयं अपराधी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था।

