न्यायिक स्वतंत्रता का सवाल: CJAR ने सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक नियुक्तियों को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगने की अपील की
Amir Ahmad
8 July 2025 9:57 AM

न्यायिक जवाबदेही और सुधार के लिए अभियान (CJAR) ने केंद्र सरकार द्वारा कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद एडवोकेट श्वेताश्री मजूमदार और एडवोकेट राजेश दातार की हाईकोर्टों में नियुक्तियों को रोके जाने की कड़ी निंदा की है।
CJAR ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह इस मामले को न्यायिक पक्ष में उठाए और केंद्र सरकार से यह पूछे कि आखिर इन दोनों वकीलों की नियुक्ति में जानबूझकर देरी क्यों की गई।
बता दें कि हाल ही में दोनों वकीलों ने जज बनने की अपनी सहमति वापस ले ली, क्योंकि उनके नामों को अन्य सिफारिशों से अलग कर अनिश्चितकाल के लिए लंबित रख दिया गया जबकि अन्य नामों को मंजूरी दे दी गई।
CJAR ने कहा,
"हम केंद्र सरकार द्वारा श्वेताश्री मजूमदार और राजेश दातार के नामों को बाकी नामों से 'अलग' करने की असंवैधानिक और अवैध कार्रवाई की निंदा करते हैं। यह चयन और अस्वीकार की नीति न तो कानून में मान्य है और न ही सुप्रीम कोर्ट के दूसरे (1994) और तीसरे (1999) जजों के मामलों में दिए गए फैसलों के अनुरूप है।"
CJAR ने इसे न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया के साथ एक गंभीर खिलवाड़ बताते हुए कहा कि जब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम दोनों ने नामों की सिफारिश की तो इनकी अनदेखी का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि सीनियर एडवोकेट आदित्य सोंधी के साथ भी 2022 में ऐसा ही हुआ था। यह चिंता का विषय है कि अब तक कोलेजियम ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया।
संगठन ने यह भी बताया कि 2018 से याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिसमें न्यायिक नियुक्तियों में समयबद्ध प्रक्रिया अपनाने और कॉलेजियम की सिफारिशों के मनमाने तरीके से अलगाव पर रोक लगाने की मांग की गई। लेकिन अब तक उस पर कोई प्रभावी आदेश नहीं आया।
CJAR ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह संविधान और कानून की जानबूझकर अवहेलना के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे, क्योंकि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर खतरा मंडरा रहा है।
CJAR ने कहा,
"भले ही सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम अब उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेकर ज्यादा गंभीरता दिखा रहा हो। यह पूरा प्रयास बेकार हो जाएगा अगर केंद्र सरकार बिना किसी कारण के उपयुक्त उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर सके।”