NEET-MDS : केंद्र सरकार के इंटरशिप की तिथि बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने NEET-MDS 2024 परीक्षा स्थगित करने से इनकार किया
Shahadat
15 March 2024 1:34 PM IST
केंद्र सरकार ने शुक्रवार (15 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने NEET MDS परीक्षा के लिए इंटर्नशिप कट-ऑफ तारीख 31 मार्च, 2024 से बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दी।
केंद्र सरकार द्वारा की गई इस दलील पर ध्यान देते हुए न्यायालय ने NEET MDS उम्मीदवारों द्वारा दायर आवेदन बंद किया, जिसमें 18 मार्च, 2024 को होने वाले NEET MDS 2024 को पुनर्निर्धारित करने और संशोधित करने के बाद पात्रता के लिए कट-ऑफ के विस्तार का निर्देश देने की मांग की गई।
कोर्ट ने परीक्षा को निर्धारित तिथि से स्थगित करने का आदेश पारित करने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि लगभग 28,000 छात्र परीक्षा दे रहे हैं।
21 फरवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह इंटर्नशिप की समय-सीमा बढ़ाने के संबंध में NEET-MDS उम्मीदवारों की शिकायतों की जांच कर रहा है। केंद्र सरकार के इस रुख को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने 21 फरवरी को स्टूडेंट द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया, जिससे उन्हें अधिकारियों के समक्ष प्रतिनिधित्व दायर करने की अनुमति मिल गई।
पिछले हफ्ते स्टूडेंट ने याचिका फिर से खोलने के लिए विविध आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया कि संघ ने कोई निर्णय नहीं लिया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को उस आवेदन पर विचार करते हुए इंटर्नशिप कट-ऑफ तिथि बढ़ाने के लिए संघ द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी दी गई।
पीठ को यह भी सूचित किया गया कि परीक्षा सोमवार (19 मार्च) को होगी। संघ ने यह भी कहा कि परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करने का पोर्टल तीन दिनों के लिए खुला रहेगा और कट-ऑफ तिथि बढ़ाने के निर्णय के परिणामस्वरूप 568 स्टूडेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया। यूनियन का बयान दर्ज करते हुए पीठ ने अर्जी बंद कर दी। पीठ ने कहा कि वह विविध आवेदन में राहत के लिए आगे आदेश पारित नहीं कर सकती है और कहा कि यदि याचिकाकर्ताओं को कोई और शिकायत है तो वे अन्य कानूनी कार्यवाही शुरू कर सकते हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने परीक्षा स्थगित करने के लिए दबाव डाला और इस बात पर जोर दिया कि स्टूडेंट क्लिनिकल कोर्स केवल आधे रास्ते पर हैं। उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट के 2023 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि पूरे देश में एक समान कट-ऑफ तारीख होनी चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा था,
"अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा कि MBBS/BDS कोर्स पूरा करने वाले सभी उम्मीदवार पात्र हों और स्टूडेंट को परीक्षा की तैयारी करने और परीक्षा देने के लिए हर अवसर दिया जाएगा, इसलिए सवाल NEET P.G./NEET-MDS परीक्षा को स्थगित करने से कोई समस्या नहीं आएगी।''
गोंसाल्वेस ने तर्क दिया,
"जिन 8000 स्टूडेंट ने अपना पाठ्यक्रम पूरा नहीं किया है, उन्हें बाहर छोड़ना अन्यायपूर्ण है।"
एनडीसी की ओर से गौरव शर्मा ने प्रस्तुत किया कि दंत मेडिकल कोर्स के लिए परीक्षा कार्यक्रम COVID-19 के कारण प्रभावित हुआ और आयोग द्वारा कार्यक्रम को पटरी पर लाने के लिए सचेत प्रयास किया जा रहा है।
कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा,
"हम इस दलील को मानने में असमर्थ हैं कि NEET-MDS और NEET-PG के बीच समानता होनी चाहिए..."।
कोर्ट ने कहा कि वह अधिकारियों द्वारा लिए गए नीतिगत फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
कोर्ट ने आदेश में कहा,
"न्यायिक पुनर्विचार के मापदंडों पर हमें लगता है कि इस स्तर पर हस्तक्षेप करना अनुचित है। हम वर्तमान मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हैं।"
वर्तमान याचिका दायर करने का आधार तब सामने आया, जब संबंधित प्रतिवादी राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) ने NEET PG 2024 को 3 मार्च से 7 जुलाई, 2024 तक पुनर्निर्धारित करने की घोषणा की, जिसमें कटऑफ तिथि 15 अगस्त, 2024 निर्धारित की गई। NEET MDS को 20 जनवरी 2024 को अधिसूचित किया गया, जो 18 मार्च 2024 को होगा, जिसमें इंटर्नशिप पूरा होने की कटऑफ तारीख 31 मार्च 2024 होगी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कट-ऑफ तारीख "मनमानी" है।
केट टाइटल: आदित्य दुबे एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य। | रिट याचिका (सिविल) नंबर 104/2024