सुप्रीम कोर्ट ने HT Media से जुड़ी श्रम अदालत की कार्यवाही पर लगी रोक हटाई

Shahadat

9 Jan 2024 5:25 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने HT Media से जुड़ी श्रम अदालत की कार्यवाही पर लगी रोक हटाई

    सुप्रीम कोर्ट ने (08 जनवरी को) विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी किया। इसमें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश की आलोचना की गई, जिसमें उसने एचटी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (HT Media Pvt Ltd) और रबींद्र कुमार धाकड़ (द) के बीच औद्योगिक विवाद के फैसले के लिए श्रम न्यायालय में संदर्भित कार्यवाही पर रोक लगा दी, जो पूर्व कार्यालय में काम करते थे।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने विवादित आदेश पर रोक लगाते हुए यह भी कहा कि श्रम न्यायालय संदर्भ के साथ आगे बढ़ने और कानून के अनुसार निर्णय लेने के लिए खुला रहेगा। मामला अगली बार 23 फरवरी, 2023 को सूचीबद्ध होने की संभावना है।

    विवाद का मूल संदर्भ का आदेश दिनांक 14.08.2017 है, जिसके द्वारा एनसीटी दिल्ली सरकार ने उप श्रम आयुक्त, नई दिल्ली जिले के माध्यम से निर्णय के लिए श्रम न्यायालय के याचिकाकर्ता और प्रतिवादी नंबर 2 (HT Media) के बीच औद्योगिक विवाद को संदर्भित किया।

    याचिकाकर्ता ने मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार संशोधित वेतन की मांग की। गौरतलब है कि मजीठिया वेज बोर्ड ने अखबार प्रतिष्ठानों में कार्यरत पत्रकारों और गैर-पत्रकार अखबार कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्ते के संशोधित पैमाने के साथ अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं। इसे 11 नवंबर 2011 को सरकार द्वारा स्वीकार और अधिसूचित किया गया था।

    मामले को श्रम न्यायालय में भेजने के लिए आयुक्त ने वर्किंग जर्नलिस्ट और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा की स्थिति और विविध प्रावधान) अधिनियम, 1955 (WJ Act) की धारा 17 (2) के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग किया।

    इससे व्यथित होकर HT Media ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसमें, दूसरों के बीच मीडिया कंपनी ने तर्क दिया कि धाकड़ ने सेवानिवृत्ति प्राप्त कर ली। इस प्रकार, सेवानिवृत्त हो गए। इसके अलावा, लगभग दो साल बाद 2016 में उन्होंने औद्योगिक विवाद को उठाया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि धाकड़ WJ Act के प्रावधानों के तहत आने वाला कोई श्रमिक या कर्मचारी भी नहीं था। वह मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। WJ Act के तहत गैर-पत्रकार की परिभाषा पर भरोसा करते हुए कंपनी ने प्रस्तुत किया कि इसमें मुख्य रूप से प्रबंधकीय और प्रशासनिक क्षमता में कार्यरत व्यक्ति शामिल नहीं है।

    HT Media के वकील ने भी संदर्भ आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि उप श्रम आयुक्त ने WJ Act की धारा 17(2) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया। हालांकि, इसके लिए उन्हें प्रत्यायोजित नहीं किया गया था। इस प्रकार, यह कहा गया कि संदर्भ बिना किसी अधिकार या क्षेत्राधिकार के दिया गया।

    इन तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तक संबंधित श्रम न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी।

    याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड राहुल श्याम भंडारी पेश हुए।

    केस टाइटल: रबेंद्र कुमार धाकड़ बनाम HT मीडिया लिमिटेड और एएनआर, डायरी नंबर- 51717 - 2023

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