सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट से पहले से स्वीकृत निरस्तीकरण याचिका पर पुनर्विचार और फैसला सुरक्षित रखने पर रिपोर्ट मांगी

Amir Ahmad

6 Sep 2024 1:13 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट से पहले से स्वीकृत निरस्तीकरण याचिका पर पुनर्विचार और फैसला सुरक्षित रखने पर रिपोर्ट मांगी

    सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी जब उसे बताया गया कि हाईकोर्ट ने पहले से ही याचिका स्वीकार करने के बावजूद मामले की दोबारा सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा।

    यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामले में आरोपी द्वारा दायर निरस्तीकरण याचिका से जुड़ा है। मद्रास हाईकोर्ट के समक्ष दायर याचिका में 22 जून 2020 की ECIR और याचिकाकर्ता के खिलाफ परिणामी कार्यवाही रद्द करने की मांग की गई।

    याचिकाकर्ता के सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को बताया कि हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायत को 21 अगस्त, 2024 को शुरू में खारिज कर दिया। हालांकि आपत्तियों के बावजूद मामले की फिर से सुनवाई की गई।

    सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर, 2024 को वापसी योग्य नोटिस जारी किया। कोर्ट ने हाईकोर्ट के समक्ष मामले की सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी। निर्देश दिया कि मामले में कोई फैसला न सुनाया जाए।

    कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को मामले के रिकॉर्ड की जांच करने और सीलबंद रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया, जिसमें पुष्टि की गई हो कि याचिका का 21 अगस्त 2024 को निपटारा किया गया या नहीं।

    अदालत ने अपने आदेश में कहा,

    “याचिकाकर्ता के सीनियर वकील ने रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री को इंगित किया कि 21 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट द्वारा CROP नंबर 001772/2024 को अनुमति दी गई। हालांकि बाद में इस पर दोबारा सुनवाई हुई। फैसला सुरक्षित रख लिया गया। नोटिस जारी करने का जवाब 30 सितंबर को दिया जाएगा। इस बीच कार्यवाही स्थगित रहेगी और फैसला नहीं सुनाया जाएगा। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मामले के रिकॉर्ड की जांच करें। इस अदालत को रिपोर्ट दें कि क्या याचिका का निपटारा 21 अगस्त 2024 को किया गया।”

    यह मामला पूर्व IPS अधिकारी जाफर सैत से संबंधित है, जो 2011 में तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड के प्लॉट को कथित रूप से अवैध रूप से हासिल करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है। सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा दायर भ्रष्टाचार के मामले को मद्रास हाईकोर्ट ने 2019 में खारिज किया था। इसके बाद सैत ने ED की शिकायत को भी खारिज करने की मांग की।

    केस टाइटल- एमएस जाफर सैत बनाम प्रवर्तन निदेशालय

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