अनुमति मिलते ही एचसी/ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगाई जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से सीजेआई से निर्देश प्राप्त करने को कहा

Shahadat

10 Feb 2024 11:28 AM GMT

  • अनुमति मिलते ही एचसी/ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगाई जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से सीजेआई से निर्देश प्राप्त करने को कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषसिद्धि/बरी के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका में अपील की अनुमति दिए जाने के तुरंत बाद रजिस्ट्री को हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगवानी चाहिए।

    जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने सजा के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए कहा,

    "हमारी राय में जब भी दोषसिद्धि के आदेश या दोषमुक्ति के आदेश को चुनौती देने वाली अपील में अनुमति दी जाती है तो तुरंत हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगाने की प्रथा होनी चाहिए। इसे सिस्टम पर अपलोड करें; और पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को इसकी सॉफ्ट कॉपी प्रदान करें।"

    उक्त मामले अगस्त 2023 में अनुमति दे दी गई थी, लेकिन रजिस्ट्री ने ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड नहीं मांगा।

    इसे अपीलों की सुनवाई में देरी के महत्वपूर्ण कारणों में से एक के रूप में इंगित करते हुए अदालत ने कहा कि बड़ी संख्या में अपीलों में जब तक कि अदालत का इस आशय का कोई आदेश न हो, रजिस्ट्री द्वारा रिकॉर्ड नहीं मांगा जा रहा है।

    अदालत ने मामले को स्थगित करते हुए कहा,

    "इसलिए यह उचित होगा यदि रजिस्ट्रार (न्यायिक) चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) से उचित प्रशासनिक निर्देश मांगें, जिससे रजिस्ट्री छुट्टी के तुरंत बाद हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगवाए। ऐसे मामलों में अनुमति दी जाती है।"

    अदालत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह तुरंत हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी मंगवाए।

    केस टाइटल: मिजाई मोल्ला @ मिजानुर मोल्ला और अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य।

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