बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत के लिए आवंटित भूमि को जारी करें ताकि निर्माण जल्द शुरू हो सके: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा

LiveLaw News Network

17 May 2024 11:03 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत के लिए आवंटित भूमि को जारी करें ताकि निर्माण जल्द शुरू हो सके: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने आज (17 मई) बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि वे नए हाईकोर्ट भवन के लिए आर्किटेक्ट और डिजाइन योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाएं।

    कोर्ट ने राज्य सरकार को नए भवन के निर्माण के लिए भूमि की पहली किश्त जारी करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार को हाईकोर्ट के लिए पूरी 9.64 एकड़ जमीन आवंटित करने के लिए दिसंबर 2024 तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।

    चीफ ज‌स्टिस डीवाई चंद्रचूड़, ज‌स्टिस बीआर गवई और ज‌स्टिस जेबी पारदीवाला की विशेष पीठ बॉम्बे हाईकोर्ट की हेरिटेज बिल्डिंग और अतिरिक्त भूमि आवंटन के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के लिए दिसंबर 2024 की निर्धारित समय सीमा से पहले लंबित 9.64 एकड़ जमीन जारी करना अनिवार्य होगा, ताकि चयनित डिजाइन योजना के अनुसार निर्माण जल्द से जल्द शुरू हो सके। सीजेआई ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्री बीरेंद्र सराफ से कहा कि मानसून खत्म होने के बाद सितंबर के महीने में ही जमीन सौंपने की प्रक्रिया में तेजी लाएं।

    "श्री सराफ, आप 1 सितंबर तक इस 9.6 एकड़ जमीन का काम तेजी से पूरा करें, तब तक मानसून भी चला जाएगा"

    अदालत ने पारित आदेश में निम्नलिखित टिप्पणी की:

    "हम महाराष्ट्र सरकार को निर्माण शुरू करने के लिए जमीन की पहली किश्त जारी करने का निर्देश देते हैं। महाराष्ट्र सरकार को पूरी 9.64 एकड़ जमीन सौंपने के लिए दिसंबर 2024 तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।"

    बॉम्बे हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने के लिए वैकल्पिक क्षेत्रों के अधिग्रहण की प्रगति के संदर्भ में, न्यायालय ने उल्लेख किया कि राज्य के अधिकारी हाईकोर्ट चलाने के लिए अपने परिसर का एक हिस्सा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित संस्थाओं के साथ लीव एंड लाइसेंस समझौता करने में सक्षम हैं, इनमें शामिल हैं (1) महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) से 18000 वर्ग फीट क्षेत्र; (2) केंद्रीय टेलीग्राफ कार्यालय (सीटीओ) के परिसर से 8000 वर्ग फीट क्षेत्र; (3) बैंक ऑफ इंडिया के परिसर से 12000 वर्ग फीट क्षेत्र।

    सॉलिसिटर जनरल (एसजी) ने पीठ को यह भी बताया कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के सुझावों के अनुसार, डिजाइन योजना का चयन करने की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति को तीन विकल्प दिए गए थे - (1) डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित करना; (2) 4-5 प्रसिद्ध आर्किटेक्ट से डिजाइन सुझाव लेना और फिर उनमें से एक को अंतिम रूप देना और (3) सार्वजनिक निविदा आयोजित करना। ऐसा लगता है कि हाईकोर्ट की समिति प्रसिद्ध आर्किटेक्ट को रुचि पत्र जारी करने और उनमें से एक डिजाइन का चयन करने के दूसरे विकल्प के साथ आगे बढ़ेगी।

    सुनवाई के दौरान बॉम्बे में एक स्वतंत्र मध्यस्थता केंद्र होने के बारे में भी चिंता जताई गई। एसजी ने प्रस्तुत किया कि जबकि राज्य सरकार बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के आसपास केंद्र बनाने पर विचार कर रही है, वहीं हाईकोर्ट के पास एयर इंडिया भवन में खाली मंजिलों का उपयोग करने की भी संभावना है।

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