अनैतिक लेन-देन से जुड़े किसी विवाद में फंसने पर पुलिस को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

Shahadat

20 Feb 2024 5:03 AM GMT

  • अनैतिक लेन-देन से जुड़े किसी विवाद में फंसने पर पुलिस को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (19 फरवरी) को कहा कि पुलिस को पक्षकारों के बीच अनैतिक लेनदेन से जुड़े विवाद पर आपराधिक मामला दर्ज करते समय "अत्यधिक सावधानी" बरतनी चाहिए, जिसमें नागरिक उपचार वर्जित हैं। पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन मामलों में नागरिक उपचार वर्जित हैं, उनमें अनुचित परिणाम प्राप्त करने के लिए पक्ष आपराधिक कानून उपचारों का सहारा नहीं ले रहे हैं।

    जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा कि पुलिस को उन मामलों की जांच करते समय सतर्क रहना चाहिए, जहां शिकायतकर्ता और आरोपी का बेईमान आचरण दिखाई देता है।

    हाईकोर्ट ने उक्त आदेश में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया था।

    जस्टिस विक्रम नाथ द्वारा लिखित फैसले में कहा गया,

    “अलग-अलग सुझावों के रूप में यह बताना जरूरी हो जाता है कि निजी पक्षकार के बीच ऐसे अनैतिक लेनदेन से संबंधित विवाद में फंसने पर पुलिस को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए, जो पिछली पूछताछ या जांच के आलोक में प्रथम दृष्टया विवादास्पद प्रतीत होते हैं। पुलिस की ओर से सतर्कता की आवश्यकता सर्वोपरि है और उन मामलों पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए, जहां बेईमान आचरण न्याय की राह पर ग्रहण लगाता प्रतीत होता है।''

    न्यायालय ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि पुलिस के बहुमूल्य संसाधनों को उन विवादों में बर्बाद किया जा रहा है, जो प्रकृति में तुच्छ हैं।

    न्यायालय ने कहा,

    "पुलिस का बहुमूल्य समय उन विवादों की जांच करने में खर्च होता है, जो नागरिक समाधान के लिए अधिक उपयुक्त लगते हैं। यह कानून प्रवर्तन संसाधनों के विवेकपूर्ण आवंटन की आवश्यकता को रेखांकित करता है, उनके प्रयासों को अधिक सामाजिक परिणाम वाले मामलों की ओर निर्देशित करने के महत्व पर जोर देता है।"

    अदालत नौकरी का वादा करने के बावजूद पैसे लेने के बावजूद शिकायतकर्ता को सरकारी नौकरी दिलाने में अपीलकर्ता की कथित विफलता पर दर्ज एफआईआर पर विचार कर रही थी।

    केस टाइटल: दीपक कुमार श्रीवास और अन्य बनाम छत्तीसगढ़ राज्य और अन्य। | आपराधिक अपील नंबर 001007/2024

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