पासपोर्ट कोर्ट की हिरासत में होने के बावजूद व्यक्ति भारत छोड़कर भाग गया, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा- वह कैसे भागा; गिरफ्तारी वारंट जारी किया
Amir Ahmad
31 Jan 2025 5:38 AM

सुप्रीम कोर्ट यह देखकर हैरान रह गया कि एक व्यक्ति जो बाल हिरासत विवाद से उत्पन्न अवमानना कार्यवाही का सामना कर रहा था, अमेरिका जाने में कामयाब रहा, जबकि उसका पासपोर्ट कोर्ट में जमा था।
कोर्ट ने पहले उसे अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया। 29 जनवरी को कोर्ट को बताया गया कि वह व्यक्ति भारत छोड़कर भाग गया।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने टिप्पणी की,
“हम इस बात से हैरान हैं कि कथित अवमाननाकर्ता बिना पासपोर्ट के अमेरिका या किसी अन्य देश कैसे जा सकता है, जबकि उसका पासपोर्ट इस कोर्ट की हिरासत में है।”
कोर्ट ने अवमाननाकर्ता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह उसे गिरफ्तार करने के लिए कानून के तहत हर संभव कदम उठाए ताकि उसे न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
इसके अलावा कोर्ट ने के.एम. नटराज, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) को न्यायालय को अवगत कराने के लिए कहा,
“प्रतिवादी को पासपोर्ट और इस न्यायालय की अनुमति के बिना इस देश को छोड़ने की अनुमति कैसे दी गई। गृह मंत्रालय, भारत सरकार की सहायता से वह इस न्यायालय को यह भी पूछताछ और अवगत करा सकते हैं कि देश से भागने में प्रतिवादी की सहायता किसने की और इसमें कौन अधिकारी और अन्य व्यक्ति शामिल हैं।”
पूरा मामला
न्यायालय एक बाल हिरासत मामले में अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जहां प्रतिवादी को बच्चे को याचिकाकर्ता (मां) को सौंपने का आदेश दिया गया लेकिन वह इसका पालन करने में विफल रहा। उसे सभी सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। फिर भी 22.01.2025 को वह अपने वकील द्वारा 29.01.2025 को उसकी उपस्थिति के आश्वासन के बावजूद अनुपस्थित था।
जब उस तारीख को मामले की सुनवाई हुई तो प्रतिवादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर वकील विकास सिंह ने न्यायालय को सूचित किया कि वह USA के लिए रवाना हो गया है जिसके कारण न्यायालय ने उपरोक्त टिप्पणियां कीं।
केस टाइटल: राज्यश्री छोकर बनाम मनीष छोकर