सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट को दिया निर्देश: झूठे गवाहों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर करें कार्रवाई

Amir Ahmad

23 Oct 2025 3:03 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में ट्रायल कोर्ट को दिया निर्देश: झूठे गवाहों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर करें कार्रवाई

    सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान यदि कोई गवाह अदालत के सामने असत्य बयान देता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की जाए।

    यह मामला अप्रैल 2019 में शाहदरा, दिल्ली में विजेंद्र सिंह की हत्या से संबंधित है। पीड़ित के बेटे राहुल शर्मा (याचिकाकर्ता) ने आरोपी राज शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और जमानत रद्द करने की मांग की।

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि जैसे ही अन्य आरोपियों को जमानत मिली अभियोजन पक्ष के कई गवाह मुकर गए (hostile हो गए)। उसने यह भी जोड़ा कि गवाहों को डराने-धमकाने के आरोप में आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायतें भी दर्ज की गई।

    जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह र जस्टिस एन.वी. अंजारिया की खंडपीठ ने राज्य की दलील को नोट किया कि सभी निजी गवाहों से पूछताछ पूरी हो चुकी है। अब केवल आधिकारिक गवाहों दो डॉक्टरों और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के अधिकारियों की ही गवाही बाकी है।

    इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इन शेष गवाहों की गवाही पुलिस सुरक्षा के तहत पूरी की जाए और उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित या धमकाया न जाए।

    अदालत ने सख्त निर्देश देते हुए कहा,

    "यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि ट्रायल कोर्ट यह पाती है कि किसी भी गवाह ने अदालत के प्रति सच्चा न रहते हुए अपने बयान में पक्ष लेने की कोशिश की है तो कोर्ट ऐसे आचरण का स्वतः संज्ञान लेगी और उनकी व्यक्तिगत क्षमता में कार्रवाई शुरू करेगी।"

    दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी राज शर्मा को जमानत देते समय उसकी छह साल की कैद, पीड़ित के मरणासन्न बयान में उसके नाम का उल्लेख न होना और अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही पूरी हो जाने जैसे कारकों पर विचार किया था।

    सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय की।

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